हाल ही में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के सीमा अधिकार को बढ़ाए जाने का कुछ राज्यों के द्वारा विरोध किया जा रहा है। पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुरजीत सिंह रंधावा ने शुक्रवार की रात अमृतसर के अजनाला इलाके का दौरा किया, जो पाकिस्तान की सीमा से सटा है। यहां उन्होंने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "पंजाब में एक तरह से अघोषित आपाताकाल जैसे हालात बना दिए गए हैं, यह कभी सहन नहीं किया जाएगा। पंजाब सुरक्षित हाथों में है। पंजाब को परेशान करने की बजाय केन्द्र को सीमा पार से आने वाले ड्रग्स, हथियार और ड्रोन्स पर फोकस करना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि बीएसएफ को सीमा पर ही रखा जाना चाहिए और बाकी इलाकों की कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब पुलिस के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए। रंधावा ने कहा कि लोगों को डर है कि बीएसएफ के जवान अचानक से उनके घरों में घुस जाएंगे, गांवों की घेराबंदी करेंगे और तलाशी लेंगे। यदि बीएसएफ गांवों में प्रवेश करती है, तलाशी लेती है, मामले दर्ज करती है या स्टेशन स्थापित करती है, तो यह देश के संघीय ढांचे को कमजोर करने का प्रयास होगा, ऐसा लोगों को लगता है।
इस दौरान पंजाब के डिप्टी सीएम ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि, साल 2016 में कैप्टन ने अपने एक अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा था कि पंजाब और पाक रेंजर्स के बीच सांठगांठ है जिसे तोड़ा जाना चाहिए। कैप्टन अमरिंदर को पहले इस बात का जवाब देना चाहिए। दरअसल अमरिंदर ने केन्द्र द्वारा बीएसएफ के अधिकारों को बढ़ाए जाने वाले फैसले का स्वागत किया था।
बता दें कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 11 अक्टूबर को सीमा सुरक्षा बल की शक्तियों को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें बीएसएफ के अधिकारों को सीमा क्षेत्र से बढ़ाकर अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर तक कर दिया है। जिसके तहत अब 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को किसी भी संदिग्ध की तलाशी लेने और गिरफ्तार करने का अधिकार होगा। इसको लेकर कुछ राज्यों ने आपत्ति जताई है