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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोर्ट के आदेशों का देशी भाषाओं में अनुवाद की जरूरत पर दिया जोर

By भाषा | Updated: July 13, 2019 20:56 IST

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उच्च न्यायालयों के आदेश लोगों को समझ आ सकें इसके लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इन आदेशों का भारतीय भाषाओं में अनुवाद होने की जरूरत पर जोर दिया है। राष्ट्रपति ने सरकार द्वारा संचालित तमिलनाडु डॉ आम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय के विशेष दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्षों में कानून की हमारी समझ व्यापक और परिष्कृत हुई है। हालांकि उन्होंने प्रश्नात्मक लहजे में कहा कि क्या विधि व्यवस्था और न्याय तक पहुंच से जुड़े मसलों पर समुचित ध्यान दिया जा रहा।

उन्होंने कहा कि कानून की समझ बढ़ाने और कानूनी नियमों को सरल करने की आवश्यकता है। कोविंद ने कहा,‘‘ यह जरूरी है कि न्याय को न सिर्फ आम आदमी तक ले जाया जाए बल्कि उसे वादी पक्षों को उसी भाषा में समझाया जाए जिसे वे जानते हैं। अथवा ऐसा तंत्र विकसित किया जा सकता है जहां उच्च न्यायालय द्वारा स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं में आदेशों की प्रमाणित अनुवादित प्रतियां मुहैया कराई जाएं।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि अक्टूबर 2017 में केरल उच्च न्यायालय के हीरक जयंती समारोह में अपने भाषण में भी उन्होंने यह सुझाव रखा था। बाद में छत्तीसगढ़ की यात्रा के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी बी राधाकृष्णन से इस संबंध में चर्चा की थी। इसके कुछ ही दिन बाद छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने उन सुझावों पर अमल किया,जिससे वादी को आदेशों की हिन्दी में अनुवादित प्रतियां मिलने लगीं।

राष्ट्रपति ने कहा,‘‘मुझे यह जान कर प्रसन्नता है कि कुछ अन्य उच्च न्यायालयों ने भी इस सुझाव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। केरल उच्च न्यायालय में प्रमाणित प्रतियों की भाषा मलयालम हो सकती है अथवा मद्रास उच्च न्यायालय में यह भाषा तमिल हो सकती है।’’ कोविंद ने गरीबों के लिए कानून की बराबर पहुंच की वकालत करते हुए कहा कि न्याय के प्रावधानों को त्वरित और वहनीय बनाना वकील समुदाय की बड़ी जिम्मेदारी है।

कोविंद ने न्यायमूर्ति पी सदाशिवम (केरल के राज्यपाल और उच्चतम न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश), न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबड़े (उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश) और न्यायमूर्ति वीके ताहिलरामनी (मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश) को बधाई दी, जिन्हें कानून और न्याय के क्षेत्र में विशिष्ट सेवाओं के लिए एलएल डी (ऑनरिस कॉसा) की उपाधि से सम्मानित किया गया है। इस मौके पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी, राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित , विधि मंत्री सी वी षणमुगम भी मौजूद थे। 

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