पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ खुले तौर पर हिंसा का आह्वान करने के लिए नाम तमिलर काची के नेता सेंथमीझान सीमन की आलोचना की। इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि उनके जैसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। यह एक वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राज्य में राजनीतिक तूफान के मद्देनजर आया है, जो बाद में नकली पाया गया।
इसी क्रम में सीमन का एक वीडियो ट्वीट करते हुए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को लिखा, "नफरत और हिंसा भड़काने के लिए फर्जी वीडियो का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों से कानून के मुताबिक निपटा जाना चाहिए। लेकिन यह उन लोगों को दोषमुक्त नहीं करता है जो खुले तौर पर तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा का आह्वान कर रहे हैं।"
बता दें कि इससे पहले तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सी सिलेंद्र बाबू ने गुरुवार को कहा था कि राज्य में प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमलों के फर्जी वीडियो प्रसारित करने के संबंध में गहन जांच से अफवाह फैलाने वालों के असली मकसद का पता चलेगा।
बाबू ने कहा, "सरकार द्वारा किए गए विश्वास-बहाली उपायों के कारण प्रवासी श्रमिकों के बीच स्थिति सामान्य हो गई है, लेकिन पुलिस सख्ती से हर चीज की निगरानी कर रही है क्योंकि यह 'गंभीर' मामला है।" उन्होंने कहा था कि राज्यभर में अफवाहें फैलाने और फर्जी वीडियो प्रसारित करने के संबंध में 11 मामले दर्ज किए गए हैं और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
(भाषा इनपुट के साथ)