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जामिया में पुलिस कार्रवाई पर गुस्से की आंच देशभर के कई संस्थानों तक पहुंची, नागरिकता संशोधन कानून का विरोध अब भी जारी

By भाषा | Updated: December 17, 2019 06:12 IST

राष्ट्रीय राजधानी की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हुई हिंसा के बाद सोमवार को पुलिस कार्रवाई को लेकर गुस्सा और सीएए के विरोध में प्रदर्शन दिल्ली, केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और तेलंगाना, उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच गया।

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दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस की कार्रवाई और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर नाराजगी सोमवार को देश के कई परिसरों में सामने आई जहां विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का समर्थन नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी करते नजर आए। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन प्रदर्शनों को बहुत निराशाजनक करार देते हुए लोगों से शांति की अपील की।

राष्ट्रीय राजधानी की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हुई हिंसा के बाद सोमवार को पुलिस कार्रवाई को लेकर गुस्सा और सीएए के विरोध में प्रदर्शन दिल्ली, केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और तेलंगाना, उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच गया।

जामिया विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में आंसू गैस के इस्तेमाल और विश्वविद्यालय अधिकारियों की अनुमति के बिना परिसर में पुलिस के प्रवेश की जांच की मांग करते हुए हजारों छात्र सड़कों पर आ गए। इसके साथ ही कई नेता भी मैदान में उतर गए।

कांग्रेस के अलावा चार अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने रविवार को जामिया परिसर की घटना के मामले में उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश से जांच की मांग करते हुए संयुक्त संवाददाता सम्मेलन किया। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘‘कानून लाकर देश में हिंसा फैलाने के लिए केवल केंद्र सरकार जिम्मेदार है। इस कानून का पूरे देश में विरोध हो रहा है और सारे विपक्षी राजनीतिक दल इसके खिलाफ हैं। अगर सरकार कानून नहीं लाई होती तो कोई हिंसा नहीं होती।’’

विवादित संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया और देश के अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में पार्टी के नेता यहां इंडिया गेट पर धरने पर बैठ गए।

प्रियंका ने कहा, ‘‘छात्रों पर हमला भारत की अंतरात्मा पर हमला है।’’ छात्र प्रदर्शनकारियों ने भी जामिया के पुस्तकालय में विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति के बिना आंसूगैस के गोलों के इस्तेमाल के मामले में जांच की मांग की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में बड़ी रैली निकाली और ऐलान किया कि उनके राज्य में सीएए तथा एनआरसी उनके जीते जी तो लागू नहीं हो सकते। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि साहस हो तो उनकी सरकार को बर्खास्त करके दिखाए।

केरल की राजधानी में प्रतिद्वंद्वी यूडीएफ और एलडीएफ ने संयुक्त प्रदर्शन किया। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कानून को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शन ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद निराशाजनक हैं।’’ उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ संशोधित नागरिकता कानून स्वीकार्यता, सौहार्द, करुणा और भाईचारे की भारत की सदियों पुरानी संस्कृति की व्याख्या करता है। हम निहित स्वार्थी समूहों को हमें बांटने और गड़बड़ी पैदा करने की इजाजत नहीं दे सकते ।’’

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हिंसा रोकने तथा जान-माल को किसी तरह का नुकसान होने से रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने को कहा। उच्चतम न्यायालय ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान दंगे और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने को लेकर कड़ा संज्ञान लिया और कहा कि यह तत्काल रुकना चाहिए।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया विश्वविद्यालय में प्रदर्शनों के दौरान छात्रों पर पुलिस ज्यादती के आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर मंगलवार के दिन सुनवाई करने के लिए सहमत हुई पीठ ने कहा कि वह इस तरह के माहौल में मुद्दे को नहीं सुनेगी। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘हम एकमात्र चीज चाहते हैं कि हिंसा हर हाल में रुके।’’

दिल्ली विश्वविद्यालय के अनेक छात्रों ने परीक्षाओं का बहिष्कार किया और आंदोलन के प्रति अपनी एकजुटता दिखाने के लिए नॉर्थ कैम्पस में कला संकाय के बाहर प्रदर्शन किया। जामिया के छात्रों के एक समूह ने दिल्ली में सर्द सुबह के समय कमीज उतारकर प्रदर्शन किया। इस दौरान सैकड़ों छात्र एकत्र हो गए। उन्होंने यातायात को रोकने के लिए मानव श्रृंखला बना ली।

अनेक छात्र अपने घर जाते देखे गए, लेकिन उनके चेहरों पर गुस्सा था। उधर, हिरासत में लिए गए जामिया के 50 छात्रों को रिहा कर दिया गया, लेकिन परिसर में तनाव बना रहा। अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल समेत अनेक जगहों पर प्रदर्शनों का असर दिखाई दिया। यहां राजमार्ग और रेलवे लाइनें अवरुद्ध की गयीं और कई जगहों से लूटपाट तथा आगजनी की खबरें हैं।

पश्चिम बंगाल से पूर्वोत्तर के बीच चलने वाली ट्रेनें रुक गयीं जहां रेलवे ने राज्य के उत्तरी क्षेत्र की ओर जाने वाली सभी सेवाओ को निलंबित कर दिया। जामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने भी छात्रों का समर्थन किया और कहा कि पुलिस बिना अनुमति के परिसर में घुसी।

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम परिसर में पुलिस की मौजूदगी सहन नहीं करेंगे। पुलिस बर्बरता से हमारे छात्र डरे हुए हैं।’’ कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के दौरान संपत्ति को हुए नुकसान के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराएगा। उन्होंने सरकार से उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की।

वहीं, लखनऊ के नदवा कॉलेज में सैकड़ों की संख्या में छात्र एकत्र हुए और नारेबाजी की। पुलिस ने जब स्थिति को संभालने की कोशिश की तो छात्रों ने पथराव किया। जवाब में पुलिस ने भी परिसर के स्टील गेट पर पत्थर फेंके। हैदराबाद के मौलाना आजाद उर्दू विश्वविद्यालय में छात्रों ने जामिया के छात्रों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए आधी रात के समय मार्च निकाला और अपनी परीक्षाएं स्थगित करने की मांग की।

हैदराबाद विश्वविद्यालय और उस्मानिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी प्रदर्शन किए और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और पश्चिम बंगाल में यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ ही प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी जामिया के छात्रों के प्रति एकजुटता व्यक्त की और मांग की गई कि सरकार पुलिस की ‘‘गुंडागर्दी’’ के खिलाफ कार्रवाई करे।

वहीं, यादवपुर विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने भी पुलिस कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया। आईआईटी कानुपर, आईआईटी मद्रास और आईआईटी मुंबई में भी दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को लेकर प्रदर्शन हुए जहां के छात्र प्राय: प्रदर्शनों से दूर रहते हैं। आईआईएम, अहमदाबाद, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलूरू के छात्रों ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

इसके साथ ही मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में भी प्रदर्शन हुआ। आईआईएम, बेंगलूरू के छात्रों ने जामिया के छात्रों के खिलाफ हुई पुलिसिया कार्रवाई का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। केंद्रीय विश्वविद्यालय केरल, कासरगोड और पांडिचेरी विश्वविद्यालय में छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्विवद्यालय में रविवार देर रात पुलिस के साथ झड़प में कम से कम 60 छात्र घायल हो गए। जामिया के भीतर रविवार की हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो को लेकर हॉलीवुड और बॉलीवुड तक से प्रतिक्रियाएं आईं। हॉलीवुड स्टार जॉन कुसाक ने टि्वटर पर कहा, ‘‘दिल्ली से खबर, यह बीती रात युद्ध क्षेत्र था...।’’

अगस्त में टि्वटर छोड़ने वाले फिल्मकार अनुराग कश्यप फिर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर लौट आए और कहा कि वह लंबे समय तक चुप नहीं रह सकते। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह सरकार स्पष्ट तौर पर फासीवादी है...।’’ जवाहर लाल नेहरू विश्विवद्यालय के छात्र भी जामिया के छात्रों का साथ देने रविवार रात आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर पहुंचे थे।

इस बीच दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी और राज्यसभा सांसद विजय गोयल समेत दिल्ली के भाजपा नेताओं ने सोमवार को जामिया नगर तथा न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का दौरा किया और छात्रों एवं स्थानीय लोगों से शांति की अपील की। गोयल ने रविवार को हिंसा में घायल हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुछ छात्रों से ओखला के होली फैमिली अस्पताल में मुलाकात की।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मुजम्मिल इस्लाम नामक छात्र के भाई के अनुरोध पर उसके इलाज का बिल भरा और अन्य किसी जरूरत पर भी मदद का आश्वासन दिया।’’ इस दौरान दक्षिण दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी भी थे। जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि प्रदर्शन नागरिकों का संवैधानिक अधिकार है।

उन्होंने पुलिस कार्रवाई की स्वतंत्र जांच की मांग की। इस बीच सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सोमवार को कहा कि उनके राज्य में नागरिकता कानून को लागू नहीं किया जाएगा क्योंकि इस प्रदेश को संविधान के अनुच्छेद 371 (एफ) के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है।

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व सिक्किम की जनता को गुमराह कर रहे हैं। इस कानून का राज्य पर कोई असर नहीं होगा। तमांग ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि नागरिकता संशोधन कानून सिक्किम में प्रभाव में नहीं आएगा। भाषा वैभव वैभव नरेश नरेश

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