दिल्ली हिंसा: संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन, कोर्ट ने गिरफ्तार छात्रा को जमानत दी

By भाषा | Published: May 13, 2020 09:59 PM2020-05-13T21:59:13+5:302020-05-13T21:59:13+5:30

उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा भड़क जाने के बाद कम से कम 53 लोगों की मौत हो गयी थी और करीब 200 घायल हो गये थे। 

Delhi Violence Protest Against Amended Citizenship Act Court Gives Bail Arrested Student | दिल्ली हिंसा: संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन, कोर्ट ने गिरफ्तार छात्रा को जमानत दी

अदालत ने इस महिला कार्यकर्ता को इस मामले के तीन अन्य आरोपियों के साथ समानता के आधार पर जमानत दी जिन्हें इस मामले जमानत मिल चुकी है।

Highlightsअतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन गुप्ता ने 20,000 रुपये की जमानत राशि और उतनी ही राशि का मुचलका देने पर फातिमा को यह राहत प्रदान की।एमबीए छात्रा फातिमा को भीड़ को कथित रूप से उकसाने को लेकर नौ अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।

नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी में उत्तरपूर्व दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से जुड़े एक मामले में महिला संगठन ‘पिंजरा तोड़’ की सीएए विरोधी कार्यकर्ता और एमबीए की छात्रा गुलफिशा फातिमा को बुधवार को जमानत दे दी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन गुप्ता ने 20,000 रुपये की जमानत राशि और उतनी ही राशि का मुचलका देने पर फातिमा को यह राहत प्रदान की। एमबीए छात्रा फातिमा को भीड़ को कथित रूप से उकसाने को लेकर नौ अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।

भीड़ को कथित तौर पर उकसाये जाने के बाद इलाके में दंगा भड़का था। प्राथमिकी के अनुसार उसने 22 फरवरी को अन्य लोगों के साथ मिलकर भीड़ को संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ विरोध करने के लिए जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास सड़क को जाम करने के वास्ते उकसाया था। अदालत ने इस महिला कार्यकर्ता को इस मामले के तीन अन्य आरोपियों के साथ समानता के आधार पर जमानत दी जिन्हें इस मामले जमानत मिल चुकी है।

इन तीन आरोपियों में से एक जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) की सदस्य शफूरा जरगर है। अदालत ने फातिमा को जांच में भाग लेने और जब भी जरूरी हो, अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। फातिमा को उत्तर पूर्वी दिल्ली की हिंसा से जुड़े एक अन्य मामले में भी गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में जेसीसी के सदस्य मीरान हैदर, जरगर और आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन पर कठोर अवैध गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

वीडियो कांफ्रेस के द्वारा हुई सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सरकारी वकील ने पुलिस की ओर से पेश होते हुए जमानत अर्जी का विरोध किया और कहा कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और जांच अहम चरण में है। फातिमा के वकील महमूद प्राचा ने अदालत से कहा कि उनकी मुवक्किल को दंगे के मामले में झूठे तरीके से फंसाया गया है और अन्य आरोपियों को पहले ही जमानत मिल गयी है।

इस कार्यकर्ता के खिलाफ प्राथमिकी भादंसं की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गयी है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा भड़क जाने के बाद कम से कम 53 लोगों की मौत हो गयी थी और करीब 200 घायल हो गये थे। 

Web Title: Delhi Violence Protest Against Amended Citizenship Act Court Gives Bail Arrested Student

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