PFI Raids NIA, ED: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) की छापेमारी और उसके पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के अभियान के बीच संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद शफीक-उर-रहमान बर्क ने पीएफआई की हिमायत करते हुए कहा कि इस संगठन के लोगों का जुर्म क्या है।
बर्क ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में पीएफआई के खिलाफ जारी कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर उसका जुर्म क्या है और देश की तमाम संस्थाओं की तरह पीएफआई भी एक संस्था है, जैसे दूसरी संस्थाएं अपने कार्यक्रम चलाती हैं, वैसे ही पीएफआई भी अपने कार्यक्रम संचालित करता है।
उन्होंने कहा कि यह संस्था देश के मुसलमानों की समस्याओं से लड़ रही है। आखिर उसके लोगों को क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है। गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के मामले में पीएफआई का नाम आया था।
एनआईए-पीएफआई के वित्तपोषण को लेकर केरल, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में छापेमारी कर रही है। इस दौरान अनेक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सपा सांसद ने मुरादाबाद में एक लड़की के साथ हुई कथित बदसुलूकी पर कहा कि सवाल कौम का नहीं, बल्कि एक बच्ची की इज्जत का है।
उन्होंने कहा कि लड़की किसी जाति-धर्म की हो, मुल्क इसे बर्दाश्त नहीं करेगा, यह बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने यह काम किया है उन्हें सख्त सजा मिले। उन्होंने कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' का समर्थन करते हुए कहा कि यह यात्रा मुल्क को जोड़ने के लिए है।
सपा नेता ने कहा कि कांग्रेस एक अच्छा मकसद लेकर चली है और मुल्क की बरबादी रोकने के लिए भारत को फिर से जोड़ने की यात्रा निकालना अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों को इसका समर्थन करना चाहिए।
पीएफआई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी छापेमारी: एनआईए ने असम में 10 लोगों को गिरफ्तार किया
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नेतृत्व में कई जांच एजेंसी के सहयोग से चलाए गए देशव्यापी तलाशी अभियान के तहत असम में बृहस्पतिवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 10 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। इन्हें सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने और आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करने के आरोप में पकड़ा गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की टीम ने मणिपुर के थौबल जिले में स्थित पीएफआई के कार्यालय पर भी छापा मारा और बड़ी संख्या में दस्तावेज बरामद किये, लेकिन यहां से किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया। करीब 11 राज्यों में एक साथ की गई छोमारी के दौरान कथित रूप से आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने पर पीएफआई के 106 कार्यकर्ताओं को पकड़ा गया।
असम पुलिस की ओर से गुवाहाटी में जारी बयान के मुताबिक संगठन के नेताओं को गिरफ्तार किया गया, क्योंकि पक्की सूचना मिली है कि ये लोग राज्यभर में सांप्रदायिक तनाव भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। बयान में दावा किया गया कि वे लोग राज्य और केंद्र सरकार के कदमों की आलोचना करते हैं जिनमें संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी), संदिग्ध मतदाता (डी-वोटर), राज्य शिक्षा नीति, पशु संरक्षण कानून, सशस्त्र बल विशेष शक्ति कानून (अफस्पा), टीईटी परीक्षा, अग्निपथ योजना, सरकारी जमीन पर कब्जे से लोगों को हटाने की निंदा करना आदि शामिल हैं।