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बिहार में नगर निकाय चुनाव पर गहराये संकट के बादल, पटना हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर लगा दी रोक

By एस पी सिन्हा | Updated: October 4, 2022 15:25 IST

बिहार में इसी महीने नगर निकाय चुनाव होने हैं। इसके लिए कार्यक्रम भी जारी कर दिए गए थेऑ। इससे पहले पटना हाई कोर्ट के एक फैसले ने चुनाव पर संकट के बादल गहरा दिए हैं।

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ठळक मुद्दे नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर पटना हाई कोर्ट ने लगाई रोक।जब तक 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच अर्हताएं नहीं पूरी कर लेती, ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती: कोर्ट

पटना: बिहार में पटना हाइकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव को लेकर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने बिहार में इस महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग से कहा है कि उसने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछड़ों के आरक्षण के लिए तय ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी नहीं की। 

इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा था कि एससी, एसटी, ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल सीटों का 50 फीसदी की सीमा से ज्यादा नहीं हो।

'सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच अर्हताएं पूरी करना जरूरी'

पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस. कुमार की बेंच ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रावधानों के अनुसार तब तक स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच अर्हताएं नहीं पूरी कर लेती। 

राज्य निर्वाचन आयोग के पूर्व में जारी चुनावी कार्यक्रम के मुताबिक स्थानीय निकायों में पहले चरण की वोटिंग 10 अक्टूबर और दूसरे चरण की 20 अक्टूबर को प्रस्तावित है। अब इस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कोर्ट ने कहा है कि नगर निकाय चुनाव कराने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग की है। राज्य निर्वाचन आयोग ने अपने संवैधानिक जिम्मेवारी का पालन नहीं किया है। आयोग इस मामले में पूरी तरह विफल रहा है। 

इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण को लेकर दायर याचिका पर 29 सितंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को इस मामले में जल्द सुनवाई कर फैसला सुनाने को कहा था। इसके बाद से ही यह कयास लगाये जा रहे थे कि आखिर हाईकोर्ट इस मामले में क्या फैसला देगा? पिछले दिनों हाईकोर्ट ने आयोग को इस बात के लिए भी स्वतंत्र कर दिया था कि चल रही चुनाव प्रक्रिया को रोका जाये या नहीं।

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