देश के कई प्रदेशों स्थित दैनिक भास्कर अखबार के दफ्तरों पर छापे की खबर पर गुरुवार को संसद के मानसूत्र में जमकर हंगामा हुआ और दोनों सदन दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिये गये। गुरुवार को सुबह जयपुर, भोपाल और नोएडा इत्यादि भास्कर के दफ्तरों पर आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी शुरू की।
मीडिया रपट के मुताबिक भास्कर पर कर चोरी का आरोप है। गुरुवार को ही यूपी के स्थानीय टीवी चैनल भारत समाचार के दफ्तर पर भी आयकर विभाग ने छापा मारा।
आयकर विभाग ने भारत समाचार के प्रधान सम्पादक ब्रजेश मिश्र और यूपी प्रमुख वीरेंद्र सिंह के घर पर भी छापेमारी की। अभी तक यह साफ नहीं हुआ कि इन छापों में आयकर विभाग को क्या मिला। भास्कर की तरफ से भी अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
दो प्रमुख मीडिया संस्थानों पर छापे के बाद सोशलमीडिया पर विपक्षी नेताओं ने नरेंद्र मोदी सरकार पर मीडिया के दमन का आरोप लगाया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भास्कर पर छापे को दमनात्मक कार्रवाई बताया।
सीएम अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट किया, "दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर आयकर छापे मीडिया को डराने का प्रयास है। उनका संदेश साफ़ है- जो भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ बोलेगा, उसे बख्शेंगे नहीं।ऐसी सोच बेहद ख़तरनाक है।सभी को इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठानी चाहिए. ये छापे तुरंत बंद किए जायें और मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए"
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, "दैनिक भास्कर अखबार और भारत समाचार न्यूज़ चैनल के कार्यालयों पर इनकम टैक्स का छापा मीडिया को दबाने का एक प्रयास है। मोदी सरकार अपनी रत्तीभर आलोचना भी बर्दाश्त नहीं कर सकती है। यह भाजपा की फासीवादी मानसिकता है जो लोकतंत्र में सच्चाई का आइना देखना भी पसंद नहीं करती है।"
अशोक गहलोत ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "ऐसी कार्रवाई कर मोदी सरकार मीडिया को दबाकर संदेश देना चाहती है कि यदि गोदी मीडिया नहीं बनेंगे तो आवाज कुचल दी जाएगी।"
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि भास्कर को कोरोना महामारी के दौरान सरकार की बदइंतजामी की पोल खोलने की सजा दी जा रही है।
जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "दैनिक भास्कर ने अपनी रपटों द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान मोदी सरकार की व्यापक बदइंतजामी की पोल खोली थी जिसकी वो कीमत चुका रहा है... यह अघोषित आपातकाल है, जैसा अरुण शौरी ने कहा था, यह आपातकाल का मॉडिफाइड संस्करण है.."