नागपुर: अगर हम राइफलें आयात कर सकते हैं, तो निर्यात क्यों नहीं? और यदि हम निर्यात कर सकते हैं, तो देश के डिफेंस सीक्रेट्स सुरक्षित क्यों नहीं रह सकते?, यह तीखा सवाल महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार को विपक्षी दलों के उन आरोपों पर पूछा, जिनमें उन्होंने निजी कंपनियों को रक्षा उत्पादन में शामिल किए जाने पर सवाल उठाए थे. राज्यपाल राधाकृष्णन म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) की नागपुर इकाई राष्ट्रीय रक्षा उत्पादन अकादमी (एनएडीपी) के पहले दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि देश को तकनीक के साथ आत्मनिर्भर बनाना होगा, तभी आयात पर निर्भरता समाप्त होगी. राज्यपाल ने कहा कि रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत भविष्य में वैश्विक नेतृत्व करेगा. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यूक्रेन-रूस और इजराइल-फिलिस्तीन जैसे युद्धों के बीच भारत को रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाना जरूरी है.
प्रतिभाशाली सशस्त्र बलों की जरूरत
राज्यपाल ने कहा कि आज सिर्फ सैन्य ताकत ही नहीं, बल्कि विज्ञान और तकनीक के बल पर भी दुनिया में वर्चस्व स्थापित किया जा सकता है. उन्होंने यह भी ऐलान किया कि भविष्य में एक सैनिक विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी, जहां से उच्च शिक्षित और सक्षम सशस्त्र बल तैयार होंगे.