चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र के 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विचार पर बेहद तीखा हमला करते हुए कहा कि यह विशुद्ध रूप से राजनीतिक स्टंट है और इसे जरिये संघीय व्यवस्था को चोट पहुंचाने का इरादा है।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार का 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' शुरू करने का विचार केवल एक साजिश मात्र है, यह लोकतंत्र नहीं बल्कि 'तानाशाही' को बढ़ावा देगा। जिसका सामना आज की तारीख में हमारा देश कर रहा है।"
स्टालिन ने कहा, "तमिलनाडु की एआईएडीएमके इस 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का समर्थन कर रही है। यह बीजेपी की एक साजिश है। वे कह रहे हैं कि इससे चुनाव खर्च कम हो जाएगा, लेकिन उससे पहले भाजपा अपना भ्रष्टाचार रोके।"
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अगुवाई में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मुद्दे पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया है।
स्टालिन ने केंद्र के इस विचार पर कहा, "केंद्र ने पूर्व राष्ट्रपति कोविंद को टीम के प्रमुख के रूप में रखा है। भले ही वह पूर्व राष्ट्रपति हैं, लेकिन उन्हें इस तरह की राजनीति से से दूर रहना चाहिए। बीजेपी ने एक ऐसी टीम बनाई गई है जो उसके इशारों पर चलती है। यह तानाशाही है।"
उन्होंने बीते 1 सितंबर को मुंबई में खत्म हुई विपक्षी दलों की बैठक पर कहा, "इंडिया गठबंधन की तीन बैठकें खत्म हो चुकी हैं। मुंबई की हमारी आखिरी बैठक में विभिन्न टीमों का गठन किया गया है। भाजपा हमारे इन कदमों को देखकर डर गई है।"
स्टालिन ने आगे कहा, "यही कारण है कि वे संसद का विशेष सत्र बुला रहे हैं। सरकार जल्द चुनाव कराने की कोशिश कर रही है क्योंकि वे अब विपक्षी एकता के सबसे बड़े दुश्मन हैं।''
उन्होंने कहा, "हमारा देश आज जिस स्थिति का सामना कर रहा है, उसका एहसास हर किसी को होना चाहिए। जिस तरह तमिलनाजु की जनता ने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ द्रमुक और उसके गठबंधन को बड़ी जीत दिलाई, उसी तरह अब पूरे देश को बचाना जरूरत है।"
स्टालिन ने 'इंडिया' गठबंधन के पीएम पद के प्रत्याशी के सवाल पर कहा, "मैंने कई बार कहा है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसे प्रधानमंत्री बनना चाहिए या कौन सत्ता में आएगा। मायने यह रखता है कि किसे सत्ता में नहीं आना चाहिए और यही हमारा लक्ष्य है।"