जदयू के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा के पत्र पर जवाब देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने कहा है कि अगर पवन वर्मा चाहे तो किसी भी पार्टी में जा सकते हैं। नीतीश कुमार ने इसके लिए पवन वर्मा को शुभकामनाएं दी हैं। पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को पत्र लिखकर दिल्ली में बीजेपी के साथ गठबंधन पर सवाल खड़े किए थे। पवन वर्मा ने कहा था जब सीएए और एनआरसी पर बीजेपी नित एनडीए के साथ नहीं है तो दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 में उनके साथ गठबंधन कैसे कर सकते हैं।
नीतीश कुमार ने कहा, ''पार्टी के किसी भी नेता को किसी भी मामले पर कोई दिक्कत या परेशानी है तो वह पार्टी की बैठक में विचार कर सकता है और अपना मुद्दा पर रख सकता है। लेकिन पनव वर्मा जैसे सार्वजनिक तौर पर दिए बयान से मैं हैरान हूं। जिस भी पार्टी को वह पसंद करते हैं, उसमें शामिल हो सकते हैं। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।''
नीतीश ने कहा, 'कुछ लोगों के बयान पर मत जाइए, हमारा रुख साफ है। मैं किसी के बयान से प्रभावित नहीं होता हूं।'
पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को लिखे पत्र में क्या लिखा था?
नीतीश को लिए दो पृष्ठों के पत्र को ट्विटर पर साझा करते हुए पवन शर्मा ने कहा था, “उक्त पत्र के माध्यम से मैंने पूछा है कि विभाजनकारी सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी आक्रोश के बावजूद जदयू ने दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी के साथ कैसे गठबंधन किया।”
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा है कि एनआरसी को बिहार में लागू नहीं किया जाएगा, जबकि उन्होंने माना है कि एनपीआर और सीएस पर और चर्चा किए जाने की जरूरत है। उन्होंने अपने पत्र का जिक्र करते हुए कहा, “वह (नीतीश) विस्तृत वक्तव्य दें, जिससे विचारधारा स्पष्ट हो। बीजेपी के साथ लंबे समय से गठबंधन करने वाली पुरानी पार्टी अकाली दल ने इस कानून (सीएए) की वजह से दिल्ली विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं किया, तो जदयू के आगे ऐसा करने की क्या अनिवार्यता थी।”
यह पूछे जाने पर कि अगर आप के पत्र का कोई जवाब नहीं मिलता है, तो आपका अगला कदम क्या होगा, उन्होंने कहा कि उसी स्थिति में मैं उस समय ही आपको बताऊंगा कि अगला कदम क्या है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक की सूची से हटाया जाना कोई मुद्दा नहीं है, क्योंकि वह तो बिहार के बाहर गठबंधन किए जाने पर ही सवाल उठा रहे हैं।