नई दिल्ली: दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप भले ही कम हो गया हो लेकिन इसका खतरा अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। हाल ही में कोविड के एक वैरिएंट का पता चला है जो पूरे यूनाइटेड किंगडम में तेजी से फैल रहा है। इससे भी ज्यादा समस्या की बात ये है कि नया कोविड-19 वैरिएंट की उपस्थिति भारत के महाराष्ट्र में भी पाई गई है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ईजी.5.1, उपनाम 'एरिस', घातक ओमिक्रॉन का एक उप-संस्करण है जो इस साल मई से महाराष्ट्र में सक्रिय है। इसी की वजह से राज्य में मामलों में वृद्धि देखी गई है।
जीनोम अनुक्रमण के लिए महाराष्ट्र के समन्वयक और पुणे के बीजे मेडिकल कॉलेज के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजेश कार्यकार्टे ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ईजी.5.1 का मई में महाराष्ट्र में पता चला था। चूंकि इसका पता चलने के बाद दो महीने बीत चुके हैं और जून और जुलाई में कोविड में कोई महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई है, इसलिए यह उप-संस्करण कोई प्रभाव डालता नहीं दिख रहा है। XBB.1.16 और XBB.2.3 अभी भी हावी हैं।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सक्रिय मामलों की संख्या जुलाई के अंत में 70 से बढ़कर 6 अगस्त को 115 हो गई। सोमवार, 7 अगस्त को राज्य में मामलों की संख्या 109 थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में तेजी से फैल रहे कोविड-19 के इस नए संस्करण पर चिंता जताई है। कोविड-19 के नए वैरिएंट को लेकर डब्ल्यूएचओ ने देशों को सतर्क रहने और कोविड के उचित व्यवहार का पालन करने की सलाह दी है।
हालांकि भारत के लिए राहत की बात ये है कि EG.5.1 अब तक भारत में हावी नहीं हो पाया है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 43 सक्रिय मामले मुंबई में हैं, इसके बाद पुणे में 34 और ठाणे में 25 हैं। रायगढ़, सांगली, सोलापुर, सतारा और पालघर में वर्तमान में एक-एक सक्रिय मामला है। विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।