नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान अपने उत्पादों को बेचने और खेत में खड़ी फसल को बर्बाद होने से बचाने को लेकर दुविधा में फंसे किसानों के लिए सरकार एक विशेष योजना लेकर आई है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय अपने निकाय कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से किसानों के लिए यह सौगात लेकर आया है, जिसके तहत किसानों की फसल को उनके खेत या घर से ही संभावित विक्रेताओं को बेचा जाएगा. योजना के तहत पायलट प्रोजेक्ट के लिए महाराष्ट्र के 5 जिलों को चुना गया है, जिनमें जालना, पुणे, नासिक, सोलापुर और सातारा जिले शामिल हैं. योजना के तहत किसानों को उसी समय उनकी फसल की नकद राशि हासिल हो जाएगी, जब खरीदार उनकी फसल को उनके घर या खेत पर लेने आएंगे.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद जल्द कर सकते हैं ऐलान
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद जल्द ही इस योजना की औपचारिक शुरुआत करेंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन जिलों के किसानों को सीएससी के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा, जहां उनके उत्पाद और फसलों की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही उत्पादों के दाम भी दर्ज किए जाएंगे. इसके बाद इन सभी सूचनाओं को देशभर में मौजूद विभिन्न खरीदारों के साथ साझा किया जाएगा.
जब कोई खरीदार इन उत्पादों के संबंध में रुचि दिखाएगा, तो उसे और किसान को आपस में संवाद का अवसर दिया जाएगा, ताकि दाम को लेकर अंतिम निर्णय हो सके. दाम पर अंतिम फैसला होने के बाद खरीदार किसान के खेत या उसके घर पर जाकर फसल/उत्पाद लेकर जाएगा और उसी समय किसान को पूरे पैसे का भुगतान करेगा. इस योजना के तहत पहला करार पूरा हो चुका है. सातारा के एक किसान ने अपने 10 टन टमाटर इस प्लेटफॉर्म के जरिए बेचे हैं.
जानें इस योजना से जुड़ी खास बातें
* किसान को अपनी फसल बाजार ले जाने के लिए लगने वाली परिवहन लागत से मिलेगी राहत.
* सीएससी ने विभिन्न डिलीवरी कंपनियों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ा.
* महाराष्ट्र के 5 जिलों में चलने वाले पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर देश के अन्य हिस्सों में योजना का होगा क्रियान्वयन.
* योजना के क्रि यान्वयन के ऐवज में सीएससी एक मामूली सेवा राशि हासिल करेगा.