धनंजय मुंडे ने महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली है। धनंजय मुंडे पूर्व भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे के भतीजे हैं। कहा जाता है कि धनंजय को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार अपने बेटे की तरह मानते हैं। धनंजय ने साल 2012 में एनसीपी की सदस्यता ली है। हालांकि इससे पहले धनंजय मुंडे बीजेपी के यूथ विंग भाजयुमो के सदस्य भी रह चुके हैं। मुंडे बीजेपी सदस्य के रूप में 2002 से लेकर 2007 तक बीजेपी जिला परिषद सदस्य भी रह चुके हैं।जब बीजेपी के देवेंद्र फड़नवीस ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार के साथ दूसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में सुबह-सुबह शपथ ली थी तब कहा जा रहा था कि बीजेपी की सरकार बनाने में एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने बेहद अहम भूमिका निभाई थी। क्योंकि सुबह राजभवन में जब देवेंद्र फड़नवीस सीएम व अजित पवार डिप्टी सीएम पद की शपथ ले रहे थे, तब वहां एनसीपी नेता धनंजय मुंडे भी मौजूद थे।
लेकिन, सरकार बनने के कुछ देर बाद जब एनसीपी ने पार्टी तोड़ने की बात कहकर अजित के साथ जाने वाले विधायकों पर एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत कार्रवाई की बात की तो धनंजय मुंडे वापस शरद पवार के पक्ष में खड़े हो गए। यही नहीं धनंजय मुंडे ने एनसीपी पार्टी की बैठक में भी हिस्सा लिया।जानकारी के लिए आपको बता दें कि अजित पवार द्वारा भाजपा सरकार में बतौर डिप्टी पीएम पद की शपथ लेने के बाद यह माना जा रहा था कि धनंजय मुंडे और कई अन्य राकांपा विधायक भाजपा के साथ थे। लेकिन, शरद पवार के द्वारा आयोजित पार्टी की बैठक में शामिल होकर इन अटकलों पर धनंजय मुंडे ने विराम लगा दिया है।कौन हैं धनंजय मुंडे आइए जानते हैं-धनंजय मुंडे का नाम महाराष्ट्र के कद्दावर नेताओं की लिस्ट में शामिल है। धनंजय मुंडे को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार अपने बेटे की तरह मानते हैं। धनंजय मुंडे पूर्व भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे के भतीजे हैं। धनंजय ने एनसीपी पार्टी की सदस्यता 2012 में ली है। हालांकि, इससे पहले धनंजय मुंडे भाजपा पार्टी के यूथ विंग भाजयुमो के सदस्य भी रह चुके हैं। धनंजय मुंडे भाजपा सदस्य के रूप में 2002 से लेकर 2007 तक भाजपा जिला परिषद सदस्य भी रह चुके हैं।धनंजय मुंडे का कार्यकर्ता से लेकर नेता विपक्ष बनने तक का सफरएनसीपी पार्टी में धनंजय मुंडे के कद का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पार्टी में तमाम वरिष्ट नेताओं के बावजूद पार्टी व शरद पवार ने उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष बनाया था। 2014 में धनंजय मुंडे नेता विपक्ष के रूप में सदन में चयनित हुए थे। धनंजय मुंडे एनसीपी सुप्रीमो के पसंदीदा नेताओं की लिस्ट में शामिल थे यही वजह था कि अजित पवार की बजाय पार्टी ने उन्हें नेता विपक्ष बनाया था।अपनी चचेरी बहन को हराकर विधानसभा पहुंचे धनंजय मुंडेआपको बता दें कि धनंजय मुंडे ने 2019 विधानसभा चुनाव में अपनी चचेरी बहन व पूर्व भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे को 30,000 से अधिक वोटों से हराया है। धनंजय मुंडे ने पंकजा को परली विधानसभा सीट के लिए होने वाले चुनाव में शिकस्त दी है। पंकजा को हराने के बाद पार्टी में धनंजय मुंडे का न सिर्फ कद बढ़ा है बल्कि वह शरद के और भी करीब आ गए।