नागपुर: राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर सीबीआई के दस्ते ने नीरी परिसर में छापामार कार्रवाई की. नीरी के पूर्व संचालक डॉ. राकेश कुमार द्वारा किए गए गड़बड़ियों की जांच के बीच सीबीआई दस्ते ने कुछ अहम दस्तावेज जब्त किए. सीबीआई ने कुमार सहित पांच वैज्ञानिकों व पांच निजी फर्म के विरोधी में आपराधिक षड्यंत्र व भ्रष्टाचार के तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए. सीबीआई के दस्ते ने बुधवार की सुबह नीरी परिसर में छापा मारा. उन्होंने विभिन्न कार्यालयों के दस्तावेजों की जांच की.
आश्चर्य जनक बात है कि नीरी में कई लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी. दोपहर के भोजन के समय कइयों को छापामारी के बारे में पता चला. नीरी के पूर्व निदेशक डॉ. राकेश कुमार के खिलाफ सीबीआई से शिकायत हुई थी. उनके कार्यकाल में केवल रूपरेखा बनाकर अनुसंधान के नाम पर निधि देने के आरोप हैं. विभाग में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार होने के आरोप लगे.
इसके अलावा अपने नजदीकियों को काम देने, बनावटी कंपनियों के नाम पर करोड़ों रुपए उठाने, रिसर्च के नाम पर गड़बड़ियां करने सहित कई आरोप लगे. इस मामले में सीएसआर ने पहले ही राकेश कुमार को निलंबित कर दिया था. छापामार कार्रवाई को लेकर अधिकारी की तरफ से कोई भी अधिकृत जानकारी नहीं दी गई. नीरी के दो वैज्ञानिकों के घर में भी छापामारी होने की खबर है.
ये हैं आरोपी
- डॉ.राकेश कुमार, पूर्व निदेशक, नीरी
- डॉ. आत्या कपले, तत्कालीन मुख्य वैज्ञानिक
-डॉ. रितेश विजय, तत्कालीन प्रधान वैज्ञानिक
-डॉ. सुनील गुलिया, तत्कालीन फेलो, दिल्ली जोनल सेंटर
-डॉ. संजीवकुमार गोयल, तत्कालीन वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक
- अलकनंदा टेक्नोलॉजी प्रा.लि., ऐरोली, नई मुंबई
- मे. एन्वायरो पॉलिसी रिसर्च इंडिया प्रा.लि., ठाणे
- मे. एमेर्जी एन्वायरो प्रा.लि., आईआईटी बॉम्बे, पवई
- मे. वेस्ट टू एनर्जी रिसर्च एंड टेक्नॉलॉजी काउंसिल-इंडिया, प्रभादेवी, मुंबई
- मे. ईएसएस एन्वायर्नमेंट कंसल्टेंट प्रा. लिमिटेड
चार राज्यों में छापेमारी
सीबीआई ने आरोपी के निवास स्थान, कार्यालय आदि में छापामार कार्रवाई की. महाराष्ट्र सहित हरियाणा, बिहार, दिल्ली में भी छापा मारा गया. सीबीआई के दस्ते ने गैरकानूनी दस्तावेज, संपत्ति से संबंधित दस्तावेज, ज्वेलरी आदि जब्त किए. इस संदर्भ में बाद में सीबीआई की तरफ से अधिकृत प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छापामारी की पुष्टि की गई.