नागपुरः भारी वाहनों को शहर के भीतर के बजाय बाहर से गुजारने के लिए जनवरी 2017 से शुरू हुए आउटर रिंग रोड का काम 531 करोड़ रुपए की लागत से शुरू हुआ था. 2019 में ये काम पूरा हो जाना था लेकिन ठेका कंपनी को दो बार एक्सटेंशन दिया गया.
अगस्त 2021 में मोहलत खत्म हो जाने पर ठेका कंपनी एमईपीडीएल की जगह संबंधित बैंक ने नया ठेकेदार तय कर दिया है. नए ठेकेदार के काम पर जुटने से पहले रोड की हालत बारिश में इतनी बदत्तर हो गई की ट्रक पलटने और धंसने लगे थे.
इन वजहों से यहां अक्सर ट्रैफिक जाम हो रहा था. लोकमत समाचार में इससे जुड़ी खबर प्रकाशित होने के बाद एनएचएआई ने मैंटेनेंस के लिए यहां एक अन्य ठेकेदार को काम दिया. रखरखाव की यह लागत 3.5 करोड़ रुपए है.
जामठा से गौंडखैरी तक पहले से ही सड़क मौजूद हैं. वहीं गौंडखैरी से पवनगांव तक नया मार्ग बन रहा है. किसी भी पुरानी सड़क वाली जगह से लगकर नई रोड बनाने पर आवाजाही के लिए मौजूद मार्ग को दुरुस्त रखना या मैंटेन करना ठेके में शामिल होता है लेकिन एमईपीडीएल ने ये काम किया ही नहीं था.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एमईपीडीएल केवल नागपुर के आउटर रिंग रोड का काम करने में ही फेल नहीं रहा बल्कि एनएचएआई के नागपुर रीजन के तहत नांदेड़ से लातूर तक के हिस्से में तीन स्थानों पर भी काम पूरा नहीं कर पाया और उसका विकल्प तय करते हुए नया ठेका दिया गया.
जारी है रखरखाव का काम
जामठा से गौंडखैरी तक आवाजाही के लिए उपयोगी सड़क के रखरखाव का काम नए ठेकेदार से करवाया जा रहा है़ इस कार्य से इस सड़क से आवाजाही करने वालों को सुविधा होगी़ रखरखाव की ये लागत पुराने ठेकेदार से वसूली जाएगी. राजीव अग्रवाल, क्षेत्रीय अधिकारी, एनएचएआई.