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बुरका विवाद के बाद अब कर्नाटक में मुस्लिम दुकानदारों पर लगा मंदिर मेलों में प्रतिबंध

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: March 22, 2022 22:10 IST

कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा कॉलेजों में बुरका प्रतिबंध को बरकरार रखने के बाद विरोधस्वरूप कई मुस्लिम दुकानदारों ने अपनी दुकान के शटर गिरा दिए हैं। जिसके प्रतिक्रिया में तटीय कर्नाटक में मुस्लिम दुकानदारों के स्थानीय हिंदू वार्षिक मेलों से प्रतिबंधित करने की खबरें सामने आ रही हैं।

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ठळक मुद्देहिंदू मेला आयोजन समितियों ने मुस्लिम दुकानदारों को मेले में दुकान लगाने से प्रतिबंधित कर दिया हैहाईकोर्ट द्वारा बुरका प्रतिबंध बरकरार रखने के बाद मुस्लिम दुकानदारों ने विरोध में दुकानों को बंद कर दिया थापूर्व में भी सांप्रदायिक तनाव हुए लेकिन किसी समुदाय विशेष के व्यवसाय पर प्रतिबंध नहीं लगा था

बेंगलुरुकर्नाटक में पनपे बुरका विवाद ने धार्मिक अविश्वास को और गहरा कर दिया है। जानकारी के मुताबिक तटीय कर्नाटक में मुस्लिम दुकानदारों के स्थानीय हिंदू वार्षिक मेलों से प्रतिबंधित करने की खबरें सामने आ रही हैं।

समाचार पत्र इंडिन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार मेलों की आयोजन समितियों ने कथित तौर पर दक्षिणपंथी कट्टर हिंदू समूहों के आगे घुटने टेकते हुए मुस्लिम दुकानदारों को प्रतिबंधित कर दिया है।

वहीं दूसरी ओर इस तरह की सूचना भी आ रही है कि कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा कॉलेजों में बुरका प्रतिबंध को बरकरार रखने के बाद विरोधस्वरूप कई मुस्लिम दुकानदारों ने अपनी दुकान के शटर गिरा दिए हैं।

आमतौर पर अप्रैल-मई महीने में कर्नाटक के तटीय क्षेत्र में मंदिरों के वार्षिक उत्सव का आयोजित किया जाता है, जिसे करोड़ों रुपये की राजस्व का भी लाभ होता है।

इस मामले में क्षेत्रिय लोगों ने बताया कि पूर्व में हुए सांप्रदायिक तनाव के बावजूद इस तरह से त्योहारों में शायद ही कभी किसी समुदाय की व्यावसायिक गतिविधियों पर चोट की गई हो। लेकिन बुरके पर हाईकोर्ट के दिये फैसले के बाद मुसलमानों द्वारा विरोध स्वरूप बुलाए गए बंद को देखते हुए क्षेत्र के कई मंदिरों ने अपने यहां आयोजित होने वाले मेलों में मुसलमा दुकानदारों के प्रवेश पर रोक लगा दिया है।

जानकारी के मुताबिक 20 अप्रैल को होने वाले महालिंगेश्वर मंदिर के वार्षिक उत्सव के आयोजकों ने मेले के लिए मुसलमान दुकानदारों को नीलामी में भाग लेने से रोक दिया है। नीलामी के आमंत्रण पत्र में आयोजकों ने स्पष्ट किया है कि 31 मार्च को लगने वाली बोली में भाग लेने के लिए केवल हिंदू ही पात्र हैं।

इसी तरह उडुपी जिले के कौप में होसा मारिगुडी मंदिर ने इस सप्ताह आयोजित होने वाले वार्षिक मेले के लिए 18 मार्च को हुई नीलामी में मुसलमानों को स्टाल आवंटित करने से इनकार कर दिया। मंदिर प्रशासन समिति के अध्यक्ष रमेश हेगड़े ने कहा कि उन्होंने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केवल हिंदू दुकानदारों की नीलामी में भाग लेने की अनुमति दी गई।

इस संबंध में हिंदू जागरण वेदिके के मंगलुरु डिवीजन के महासचिव प्रकाश कुक्केहल्ली ने कहा कि बुरके पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुसलमानों द्वारा अपनी दुकानें बंद करने के बाद स्थानीय मंदिर के पुजारी बेहद नाराज हैं।

वहीं दक्षिण कन्नड़ जिले में बप्पनडुई श्री दुर्गापमेश्वरी मंदिर के वार्षिक उत्सवों के लिए होर्डिंग में लिखा है, "जो लोग कानून या भूमि का सम्मान नहीं करते हैं और जो गायों की प्रार्थना नहीं करते हैं और जो एकता के खिलाफ हैं, उन्हें व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हिंदू जागरूक है।"

इस मामले में मंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त एन शशि कुमार ने कहा, “हम पता लगा रहे हैं कि इन फ्लेक्स को किसने लगाया है। यदि नागरिक एजेंसी शिकायत दर्ज करने के लिए तैयार है तो हम कानूनी परामर्श के बाद कार्रवाई करेंगे।"

उडुपी डिस्ट्रिक्ट स्ट्रीट वेंडर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव मोहम्मद आरिफ ने कहा कि हमारे यहां ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं थी। उन्होंने कहा, “उडुप्पी में लगभग 700 पंजीकृत दुकानदार हैं जिनमें से 450 मुस्लिम हैं। कोविड-19 की वजह से पिछले दो साल से हमारे पास कोई कारोबार नहीं था। अब जब हम फिर से कमाई करना शुरू कर रहे हैं तो हमें मंदिर समितियों द्वारा बैन किया जा रहा है।” 

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