Mumbai's Ghatkopar Hoarding Collapse: महाराष्ट्र सरकार ने डीजीपी कार्यालय की अनुमति के बिना घाटकोपर होर्डिंग की अनुमति देने के लिए आईपीएस अधिकारी कैसर खालिद को निलंबित कर दिया। खालिद वर्तमान में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (नागरिक अधिकारों की सुरक्षा) हैं। उनका निलंबन आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। दुर्घटना की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने पाया कि ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने महपारा गारमेंट्स कंपनी के खाते में 46 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे, जिसमें खालिद की पत्नी सुमन्ना मोहम्मद अरशद खान के साथ निदेशक थीं।
गोवंडी में स्थित महपारा कंपनी ने ईगो मीडिया को कोई सेवा नहीं दी थी और फिर भी उसे 46 लाख रुपये मिले। इससे एसआईटी को संदेह हुआ। जब एफपीजे ने 1997 बैच के आईपीएस खालिद से संपर्क किया, तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पुलिस महानिदेशक द्वारा सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में 120'x140' होर्डिंग की मंजूरी में कई "घोर अनियमितताओं" की सूची दी गई थी।
इस बीच, पूर्व पार्षद प्रवीण छेड़ा ने घाटकोपर में बीएमसी के 'एन' वार्ड के सहायक आयुक्त गजानन बेलारे को निलंबित करने की मांग की है, जिनके अधिकार क्षेत्र में होर्डिंग लगा हुआ था। इस वार्ड के लाइसेंस विभाग की कार्यप्रणाली पहले से ही एसआईटी की जांच के दायरे में है। गौरतलब है कि 13 मई को, मुंबई के घाटकोपर में एक होर्डिंग गिर गई थी जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी और 74 से ज़्यादा नागरिक घायल हो गए थे। इस त्रासदी के बाद काफ़ी हंगामा हुआ और जांच में होर्डिंग से जुड़ी कई अनियमितताएँ सामने आईं।