मुंबई, 12 मार्च: मराठवाडा के हजारों किसान और आदिवासी मुंबई के आजाद मैदान पहुंच चुके हैं। अखिल भारतीय किसान सभा के बैनकर तले इस 'लाल हुजूम' ने विधानसभा का घेराव करने के लए 200 किमी पैदल मार्च किया। किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धवले ने हमें बताया कि प्रदेश सरकार बात-चीत को तैयार हैं। सीएम से मिलने के लिए किसानों का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अपनी 12 मांगों के साथ जा रहा है। मुंबई की सड़कों पर इतनी बड़ी संख्या में 'लाल हुजूम' उमड़ आने से राजनीतिक पार्टियों में भी हलचल मच गई है। सत्ताधारी बीजेपी को छोड़कर कमोबेश सभी राजनीतिक दलों ने किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया है। किसानों के इस प्रदर्शन पर lokmatnews.in पूरी नजर बनाए हुए। पल-पल की अपडेट के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ।
-मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा, 'हमने उनकी (किसानों) अधिकतर मांगें मान ली हैं और उन्हें लिखित पत्र दिया है।'
- किसानों के प्रतिनिधि मंडल के अनुसार सरकार मांगे मानने को तैयार हो गई है। जानकारी के अनुसार किसान सरकार किसानों को लिखित आश्वासन देने को भी तैयार हो गई है। ऐसे में किसान अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे।
- अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धवले ने बताया कि 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मिलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम अपनी 12 मांगों को सीएम के सामने रखेंगे। अगर मांगें पूरी नहीं की जाती तो विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
- मुंबई पहुंचे प्रदर्शनकारी किसानों पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ये पूरे देश के किसानों की समस्या है। ये आंदोलन देशभर के किसानों का है।
- किसानों के रुख को देखते हुए विधानसभा के बाहर भारी संख्या में पुलिसबल रविवार देर रात से ही तैनात किया गया है। वहीं क्विक रिस्पांस टीम और फायर ब्रिगेड को भी अलर्ट किया गया है।
- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसान नेताओं से मुलाकात की हामी भरी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम के प्रतिनिधि गिरिराज महाजन ने कहा है कि किसानों की 80-90 प्रतिशत मांगें मान ली जाएंगी।
- करीब 200 किमी की पैदल यात्रा पूरी करके आजाद मैदान पहुंचे किसानों में कई की तबियत खराब है। इनमें कई को ब्लड प्रेशल और डायरिया की शिकायत है। इनके लिए डॉक्टरों के कैम्प लगाए गए हैं। कई किसानों के पैर भी जख्मी हो गए हैं।
- मुंबई ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि किसानों के प्रदर्शन की वजह से कोई खास ट्रैफिक डायवर्जन नहीं किया गया है। अगर कुछ ऐसा करने की जरूरत पड़ी तो अपडेट किया जाएगा। अफवाहों पर ध्यान ना दें।
क्या है किसानों की प्रमुख मांग
मराठवाडा के किसान विगत 6 मार्च को नासिक से मुंबई के लिए पैदल निकले थे। इन किसानों की योजना अपनी मांगों को लेकर 12 मार्च को विधानसभा का घेराव करने की है। अखिल भारतीय किसान सभा और अन्य संगठनों के बैनर तले लाल झंडा थामे हजारों की संख्या में किसान और दलित आर-पार की लड़ाई को तैयार हैं। इनकी प्रमुख मांग फॉरेस्ट एक्ट, किसानों की कर्जमाफी, बिजली बिल माफी और स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करना है। इसके अलावा फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की भी मांग कर रहे हैं।
किसानों ने फडणवीस सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पिछले साल 34,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किए जाने की घोषणा महज छलावा थी। किसानों का कहना है कि जबतक उनकी मांगे नहीं मांग ली जाती वो मुंबई से वापस नहीं जाएंगे।