मुंबई: शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर जुबानी हमला करने के शिवसेना के निशाने पर चल रही अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा एक बार फिर विवादों में फंसती नजर आ रही है।
जमानत पर जेल से छूटने के बाद सीधे लीलावती में भर्ती होने वाली सांसद नवनीत राणा पर शिवसेना ने हमला करते हुए पूछा कि आखिर वो अस्पताल के एमआरआई कमरे शारीरीक जांच करवाते हुए कैमरे से फोटो किस तरह से खिंचवा सकती हैं।
इतना ही नहीं इस मामले में शिवसेना नेताओं का एक दल मुंबई के लीलावती अस्पताल भी पहुंचा और अस्पताल प्रबंधन से भी पूथा कि आखिर उन्होंने किस आधार पर एमआरआई कमरे में नवनीत राणा का वीडियो शूट होने दिया।
नवनीत राणा की उस वीडियो और फोटो के कारण अब लीलावती अस्पताल भी फंसता हुआ नजर आ रहा है। शिवसेना ने इस मामले में अस्पताल प्रबंधन पर नियमों के घोर उल्लंघन का आरोप लगाया है और दावा किया है कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए इस संबंध में दो दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा है।
इस संबंध में समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए शिवसेना एमएलसी मनीषा कायंडे और मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर कहा कि यह सीधे तौर पर अस्पताल के प्रोटोकॉल का उल्लंघन है क्योंकि एमआरआई कमरे के अंदर कैमरा तो क्या धातु की कोई भी वस्तु ले जाना स्पष्ट तौर पर वर्जित होता है।"
मालूम हो कि अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने जेल से रिहा होते ही रक्तचाप, शरीर में दर्द और स्पॉन्डिलाइटिस की शिकायत के कारण 5 मई को लीलावती अस्पताल में भर्ती हुई थीं।
शिवसेना एमएलसी मनीषा कायंडे ने सांसद नवनीत राणा की एमआरआई रिपोर्ट का मांगा करते हुए दावा किया कि राणा द्वारा दिखाई जा रही रिपोर्ट "झूठी" है।
इससे पहले सासंद नवनीत राणा ने शिवसेना पर हमला करते हुए कहा था कि वो अपनी और अपने पति की गिरफ्तारी और जेल के प्रकरण को सीधे दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने उठाएंगी।
मालूम हो कि सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को मुंबई पुलिस ने 23 अप्रैल को धारा 124 ए (देशद्रोह) और 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत गिरफ्तार किया था, जब वो और उनके पति ने बांद्रा स्थित मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा के पाठ का ऐलान किया था।