देवास: देशभर में चल रहे लाकडाउन ने आम और खास की कमर तोड़कर रख दी है। व्यापार-व्यवसाय, उद्योग धंधे और नौकरीपेशा लोग भी परेशान हो गए हैं। सैकड़ो व्यापार, उद्योग बन्द हैं । ऐसे में सबसे ज्यादा असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है।
कोरोना का कहर कुछ ऐसा है कि लोगो द्वारा घर में रहने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है । लेकिन सबसे अधिक परेशानी अपने घर छोड़कर दूरदराज शहरों में मजदूरी करने वाले परिवारों की हो रही है। मुंबई सहित महाराष्ट्र-गुजरात के अलग-अलग शहरों में काम करने वाले प्रवासी मजदूर, ऑटो, टेक्सी ड्राइवर अपने घर उत्तरप्रदेश-बिहार के गांव जाने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में देवास से गुजर रहे हैं।
हर दिन ऑटो, टेक्सी, ट्रक , दोपहिया वाहन और साईकिल से सेकड़ो लोग यूपी, बिहार, झारखण्ड जाने के लिए शहर के बायपास से गुजर रहे हैं । इसके अलावा हजारो की संख्या में ऐसे मजदूर भी चल रहे हैं , जो कभी पैदल तो कभी किसी ट्रक , टेंकर में बैठकर घर की और जा रहे हैं । शहर से गुजर रहे इन प्रवासी मजदूरों में से एक मजदूर की कल रात देवास बायपास रोड़ पर मौत हो गई।
मुम्बई के भिवंडी से झारखण्ड के लिए अपने 18 साथियों के साथ पैदल निकले 43 वर्षीय रियाज पिता सुल्तान अंसारी की देवास में मौत हो गई । कभी पैदल तो कभी किसी ट्रक पर सवार होकर भिवंडी से करीब 600 किलोमीटर का सफर कर मजदूरों का यह दल देवास पहुचा था।
झारखंड के देवगढ़ जिले के निवासी मृतक के भाई जाहिद के अनुसार रियाज रास्ते में ही असहज महसूस कर रहा था और खाना नहीं खा पा रहा था। देवास उसकी तबीयत ज्यादा खराब हुई और उसने यही दम तोड़ दिया । जिला प्रशासन ने मृतक के शव के साथ सुरक्षित ढंग से मजदूरों को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की है।