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गुजरात के बाद उत्तराखंड सरकार ने किया चालान शुल्क में कटौती का ऐलान, 50 फीसदी हुआ जुर्माना

By स्वाति सिंह | Updated: September 11, 2019 23:09 IST

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने मंगलवार को यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने में काफी कटौती कर दी। राज्य में यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना राशि को 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक कम किया गया।

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नए ट्रैफिक नियमों के तहत बढ़े हुए चालान शुल्क में गुजरात सरकार द्वारा कटौती किए जाने के बाद अब उत्तराखंड ने भी कई नियमों में छूट देने की घोषणा की है। उधर कर्नाटक के सीएम कार्यालय ने भी कहा कि वह भी नियमों में छूट देने की योजना बना रहे हैं।

उत्तराखंड सरकार ने मोटर बिल में सुधार करते हुए ऐलान किया कि वे बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर छूट देते हुए इस राशि को 2500 का जुर्माना लेंगे, जबकि केंद्र सरकार ने बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर 500 रुपये पड़ने वाले फाइन को बढ़ाकर 5000 हजार कर दिया था। 

बता दें किगुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने मंगलवार को यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने में काफी कटौती कर दी। राज्य में यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना राशि को 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक कम किया गया। संशोधित मोटर वाहन कानून के तहत बढ़ा हुआ जुर्माना सितंबर से प्रभाव में आया है। अब जान लीजिए कि गुजरात और उत्तराखंड सरकार ने किन मामलों में जुर्माने की रकम को घटाया है। इसमें बिना सीट बेल्ट, हेलमेट न पहनकर चलने वाले, दो पहिया पर दो से अधिक सवारी, पलूशन सर्टिफिकेट न होने, डीएल न होने और आरसी न होने, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ी को रास्ता न देने, गलत साइड गाड़ी चलाने जैसे मामलों में सरकार ने जुर्माना कम किया है।

 गडकरी ने कहा, ‘‘पहली बात यह है कि मोटर वाहन कानून समवर्ती सूची में है। केंद्र और राज्य सरकारों को इस बारे में कानून बनाने का अधिकार है। राज्य वहीं फैसला लेंगे जो उन्हें उचित लगेगा।’’ विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल पहले ही इस कानून को लागू करने से इनकार कर चुके हैं। गडकरी ने यहां होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया द्वारा भारत चरण छह मानक वाला स्कूटर एक्टिवा 125 पेश किए जाने के मौके पर कहा, ‘‘यदि राज्य जुर्माना घटाना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं, लेकिन लोगों का जीवन बचाया जाना चाहिए और दुघर्टनाओं में कमी लाई जानी चाहिए।’’ उन्होंने दोहराया कि सरकार की मंशा जुर्माना बढ़ाकर राजस्व जुटाने की नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि जुर्माना बढ़ाने की वजह से राजस्व बढ़ता भी है तो यह राज्यों के खजाने में जाएगा। मोटर वाहन कानून के तहत जुर्माने में भारी बढ़ोतरी का बचाव करते हुए मंत्री ने कहा कि दुर्घटनाओं में कमी लाकर लोगों की जिंदगी बचाना महत्वपूर्ण है। देश में हर साल पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है और तीन लाख अन्य घायल हो जाते हैं। 

कांग्रेस शासित राज्यों में नहीं लागू हुआ नियम

लोगों के लिए राहत की बात यह है कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पंजाब जहां कांग्रेस की सरकार है वहां अभी तक भारी जुर्माने वाला यह नया एक्ट लागू नहीं किया गया है। कर्नाटक सरकार का भी कहना है कि अगर दूसरे राज्य जुर्माना घटाते हैं तो वहां की सरकार भी इस पर विचार करेगी।

ममता बनर्जी के शासन वाले पश्चिम बंगाल के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे गैर बीजेपी शासित राज्यों ने केंद्र के इस भारी जुर्माने वाले फैसले पर सवाल उठा चुके हैं। 

टॅग्स :मोटर व्हीकल अधिनियमगुजरातउत्तराखण्डकर्नाटक
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