Money Laundering Case: ईडी ने धनशोधन रोकथाम कानून के तहत जेल में बंद महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक की कई संपत्तियां कुर्क की हैं। विशेष अदालत ने धनशोधन मामले में नवाब मलिक की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मलिक (62) को 23 फरवरी को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़ी धनशोधन जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता सात मार्च तक ईडी की हिरासत में थे और बाद में उन्हें 21 मार्च तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने फरार गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके अंडरवर्ल्ड गिरोह के खिलाफ एक मामले में धन शोधन रोधी कानून के तहत जेल में बंद महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक की कई संपत्तियां को कुर्क किया है।
संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने "मोहम्मद नवाब मोहम्मद इस्लाम मलिक उर्फ नवाब मलिक, उनके परिवार के सदस्यों, सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर की संपत्तियों को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्क करने का एक अस्थायी आदेश जारी किया है।"
संपत्तियों में मुंबई के उपनगरीय कुर्ला (पश्चिम) में गोवावाला कम्पाउंड और एक वाणिज्यिक इकाई, महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में स्थित 147.79 एकड़ कृषि भूमि, कुर्ला (पश्चिम) में तीन फ्लैट और बांद्रा (पश्चिम) में दो आवासीय फ्लैट शामिल हैं। इससे ही संबंधित घटनाक्रम में उच्चतम न्यायालय महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की उस याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा, जिसमें उन्होंने धन शोधन मामले में उन्हें जेल से तत्काल रिहा करने का अनुरोध किया है। ईडी ने मलिक को फरवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया था।
ईडी ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की फरवरी में दर्ज प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद यह मामला दर्ज किया था। एनआईए ने इब्राहिम और अनीस इब्राहिम, छोटा शकील, जावेद चिकना और टाइगर मेमन जैसे उसके गिरोह के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एनआईए की प्राथमिकी में कहा गया है कि दाऊद इब्राहिम ने भारत छोड़ने के बाद, हसीना पारकर (इब्राहिम की बहन) और अन्य करीबी सहयोगियों के जरिए भारत में अपनी आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित करना शुरू कर दिया।
ऐसे ही एक मामले में, ईडी ने कहा कि मुनीरा प्लंबर की एक प्रमुख संपत्ति को नवाब मलिक ने सॉलिडस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से कथित रूप से "हड़प" लिया था जिसमें हसीना पारकर सहित डी-गैंग (दाऊद इब्राहिम गिरोह) के सदस्यों की सक्रिय मिलीभगत थी। कंपनी का मालिकाना हक नवाब मलिक के परिवार के सदस्यों के पास है जिसे मलिक नियंत्रित करते हैं।
ईडी का आरोप है कि इस संपत्ति को हड़पने के लिए, हसीना पारकर और नवाब मलिक ने एक साथ मिलकर कई कानूनी दस्तावेज़ तैयार किए जिससे लगे कि यह आपराधिक कृत्य नहीं बल्कि वास्तविक है। उसके मुताबिक इसमें कंपनी, पारकर और मलिक के साथ-साथ सरदार शाहवली खान, सलीम पटेल भी शामिल हैं। ईडी के मुताबिक, यह संपत्ति मुंबई के कुर्ला (पश्चिम) में गोवावाला कम्पाउंड में है।
ईडी ने कहा कि यह संपत्ति "अपराध से अर्जित आय" है। एजेंसी ने कहा कि इस संपत्ति से नवाब मलिक के नियंत्रण वाली दो कंपनियों सॉलिडस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर को 11.70 करोड़ रुपये का किराया भी मिला है और यह भी "अपराध से अर्जित आय" है। मलिक ने उच्च न्यायालय के समक्ष तर्क दिया था कि उन्होंने तीन दशक पहले वास्तविक लेनदेन में संपत्ति खरीदी थी, और प्लंबर ने अब लेनदेन के बारे में अपना विचार बदल दिया है।