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NPR पर मोदी कैबिनेट की मंजूरी, प्रकाश जावड़ेकर ने कहा-जनगणना में नहीं होगी कोई भी दस्तावेज देने की जरूरत

By स्वाति सिंह | Updated: December 24, 2019 17:42 IST

2021 की जनगणना के घरों को सूचीबद्ध करने के चरण के साथ अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 तक एनपीआर को अपडेट करने का फैसला किया गया है।

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ठळक मुद्देCAA पर देश के कई हिस्सों चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच मंगलवार को मोदी कैबिनेट की अहम बैठक हुई। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने के लिए मंजूरी दे दी गई है।

नागरिकता संशोधन कानून पर देश के कई हिस्सों चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच मंगलवार को मोदी कैबिनेट की अहम बैठक हुई। इस दौरान राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने के लिए मंजूरी दे दी गई है। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को भारत की जनगणना 2021 और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के उन्नयन को मंजूरी प्रदान कर दी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । भारत के जनगणना 2021 की कवायद के लिये 8,754.23 करोड़ रूपये के खर्च को मंजूरी दी गई ।

वहीं, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के उन्नयन के लिये 3,941.35 करोड़ रूपये की मंजूरी दी गई । सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि जनगणना के लिये कोई लम्बा फार्म नहीं भरना होगा । यह स्वयं घोषित स्वरूप का होगा । इसके लिये किसी सबूत की जरूरत नहीं होगी और न ही कोई दस्तावेज देना होगा । इसके लिये एक मोबाइल एप भी बनाया गया है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर :एनपीआर: के उद्देश्यों में कहा गया है कि एनपीआर देश के स्वाभाविक निवासियों का रजिस्टर है ।

यह नागरिकता संशोधन कानून 1955 और नागरिकता : नागरिकों के पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान कार्ड जारी: करने के नियम 2003 के प्रावधानों के तहत स्थानीय स्तर पर (गांव/उप शहर), उप जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जायेगा । सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, एनपीआर अप्रैल और सितंबर 2020 के बीच असम को छोड़कर देश के अन्य सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा । यह जनगणना कार्य के साथ होगा । असम को इससे अलग इसलिये रखा गया है क्योंकि वहां पहले ही राष्ट्रीय नागरिक पंजी. का कार्य हो गया है ।

एनपीआर का मकसद देश के स्वभाविक निवासियों की समग्र पहचान का डाटाबेस तैयार करना है । इसमें भौगोलिक और बायोमेट्रिक जानकारी उपलब्ध होगी । एनपीआर के आंकड़े पिछली बार 2010 में घर की सूची तैयार करते समय लिये गये थे जो 2011 की जनगणना से जुड़े थे । 2015 में घर घर जाकर इन आंकड़ों का उन्नयन किया गया था । दूसरी ओर, जनगणना 2021 दो चरणों में होगी । इसमें पहले चरण में घर की सूची या घर संबंधी गणना होगी जो अप्रैल से सितंबर 2020 तक होगी । इसका दूसरा चरण नौ फरवरी से 28 फरवरी 2021 में होगा । इसकी संबद्धता तिथि 1 मार्च 2021 होगी । बर्फ से प्रभावित जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में संबद्धता तिथि 1 अक्तूबर 2020 होगी ।

टॅग्स :प्रकाश जावड़ेकरनेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर एनपीआर
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