तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों के मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अफगानिस्तान से हम लगभग उन सभी भारतीयों और नागरिकों को वापस ले आएं हैं जो वापस भारत आना चाहते थे. हालांकि उन्होंने कहा कि युद्ध स्तर पर जारी रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद अब भी कई भारतीय वहां पर फंसे हैं.
एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि, हम जल्द उन सभी बचे हुए भारतीयों को भी वापस ले आएंगे जो अब भी अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं. उन्होंने कहा कि, अभी यह कहना मुश्किल है कुल कितने भारतीय वहां हैं. उन्होंने कहा, जैसे ही काबुल हवाई अड्डे का परिचालन फिर से शुरू हो जाएगा तो हम फंसे हुए भारतीय नागरिकों को वापस ले आएंगे.
वहीं अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां किस तरह की सरकार बनेगी और उस सरकार और सरकारी तंत्र का नेचर कैसा होगा इस सवाल पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि, तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में किस तरह की सरकार बन सकती है, इसके बारे में फिलहाल हमारे पास कोई विवरण या उसकी प्रकृति की जानकारी नहीं है.
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोहा में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों और तालिबानी लीडर्स की मुलाकात हुई कि नहीं इस पर टिप्पणी करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि, हमारी (तालिबान के साथ) बैठक के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है.
बता दें कि इससे पहले भारत और तालीबन की दोहा (India-Taliban Meeting in Doha) में हुई बैठक पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM chief Asaduddin Owaisi) ने मोदी सरकार (Modi Government) पर जमकर निशाना साधते हुए कहा था कि, सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए. "यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।"
ओवैसी ने कहा था कि, केंद्र सरकार को तालिबान पर भारत का रुख स्पष्ट करना चाहिए कि केंद्र उन्हें आतंकवादी संगठन के रूप में देखता है या नहीं? ओवैसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, मोदी सरकार स्पष्ट करें कि तालिबानी आतंकी संगठन है या नहीं. ओवैसी ने कहा, सरकार क्यों पर्दे के पीछे से झांक-झांक कर मोहब्बत कर रही. सामने आकर इकरार क्यों नहीं करती.
ओवैसी ने कहा कि, भारत के अधिकारी, दोहा में तालिबानी लीडर्स से मुलाकात करते हैं. उन्हें चाय पिलाते हैं. कबाब खिलाते हैं ये क्या बात हुई. क्या वो आतंकी है या नहीं. ये भारत की सुरक्षा का मामला है. सरकार इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए.