लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के उन प्रयासों की जमकर आलोचना की, जिसमें सपा प्रमुख ने बीते सोमवार को रायबरेली में कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण किया था। बसपा सुप्रीमो मायावती के मुताबिक सपा दलितों को अपने करीब लाने के लिए कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करके सियासी पैंतरा आजमा रही है लेकिन दलित वर्ग उनकी नियत को पहले से जानता है और वो उनके साथ कभी नहीं जाएगा।
बसपा नेत्री मायावती ने बुधवार को कहा कि दलितों, पिछड़ों और मुस्लिम समुदायों को समाजवादी पार्टी से सावधान रहना चाहिए क्योंकि वो विकास और जनहित की नहीं बल्कि जाति जैसे बेतुके मुद्दों पर राजनीति करती है।
मायावती का बयान सपा प्रमुख अखिलेश यादव के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने सोमवार को कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा था कि बहुजन समाज अपने अधिकारों और बाबा साहब अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान की रक्षा के लिए सपा के साथ बड़े पैमाने पर एकजुट हो जाएं।
सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा दलितों और ओबीसी के अधिकारों और आरक्षण को छीन रही है और उन्हें अपमानित कर रही है। इसलिए बहुजन समाज को विश्वास है कि सपा सभी वर्गों को एकजुट करेगी और भाजपा को हराने का काम करेगी।
उन्होंने कहा, "हम भीमराव अंबेडकर और मान्यवर कांशीराम के दिखाए रास्ते पर चलने वाले लोग हैं। हम बहुजन समाज में सेंध लगाने वाले नहीं हैं, बल्कि उन्हें जोड़ने वाले लोग हैं।"
वहीं मायावती ने बसपा संस्थापक कांशीराम द्वारा बनाए गए सपा-बसपा गठबंधन का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद भी सपा के दिवंगत संस्थापक मुलायम सिंह यादव की नीयत ठीक नहीं थी।
बसपा प्रमुख ने कहा कि लोग आज भी सवाल उठाते हैं कि 1993 में माननीय कांशीराम जी ने मिशनरी भावना से सपा-बसपा का गठबंधन किया था, लेकिन गठबंधन के तहत मुख्यमंत्री बने मुलायम सिंह यादव जी ने बसपा को बदनाम करना और दलित उत्पीड़न करना जारी रखा था।
मायावती ने कहा कि दरअसल सपा उत्तर प्रदेश के विकास और जनहित के राजनीति करने की बजाय जातीय जैसे बेतुके मुद्दों पर नफरत की राजनीति कर रही है।
मालूम हो कि सोमवार को रायबरेली में आयोजित सपा के कार्यक्रम में पार्टी महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने राम मंदिर आंदोलन के खिलाफ 90 के दशक का एक विवादित नारा लगाया था, जिसके बाद उनके खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। उस कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण किया था।
मायावती आरोप लगा रही हैं कि सपा राजनीतिक रूप से कांशीराम के नाम का उपयोग करने की कोशिश कर रही है और वो सदैव अंबेडकर के प्रति कृतघ्न रही है। वहीं सपा ने बसपा को भाजपा की बी-टीम करार दिया है।