मुंबईः मराठा आंदोलन पर बैठे मनोज जरांगे ने भूख हड़ताल वापस ली है।मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को मराठा समुदाय को कुनबी का एक हिस्सा बताने वाला सरकारी आदेश (जीआर) जारी करने के लिए दो महीने का ‘अल्टीमेटम’ दिया है। जरांगे ने मंत्रियों की उपस्थिति में अपने समर्थकों से कहा कि ‘‘हम जीत गए हैं।’’ महाराष्ट्र सरकार ने अगर मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सरकारी आदेश जारी कर दिया तो आज रात नौ बजे तक मुंबई से रवाना हो जाऊंगा। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का वादा किया है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हमारी सरकार ने मराठा समाज के लिए, महाराष्ट्र निर्माण से आज तक आर्थिक सामाजिक सर्वेक्षण के आधार पर जितना किया जाना चाहिए था वह किया। किसी अन्य सरकार ने ऐसा नहीं किया। महायुति सरकार ने जिस प्रकार से योजना बनाई है, मुझे लगता है कि हम मराठा समाज को मजबूती देने का काम कर रहे हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा उठाई गईं मांगों के संबंध में एक मसौदा तैयार कर लिया है। राज्य मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मराठा आरक्षण पर मंत्रिमंडल उप-समिति के प्रमुख विखे पाटिल ने कहा कि वह समिति के सदस्य शिवेंद्रसिंह भोसले और जयकुमार गोरे के साथ आज जरांगे से मिले और मसौदे पर चर्चा की। मंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि मसौदा तैयार कर लिया गया है और समिति ने गौर किया कि यह कानूनी ढांचे के तहत है, जिसके बाद इसे मंजूरी दी गई।
मराठा आरक्षण आंदोलन: अदालत के आदेश के बाद मुंबई पुलिस प्रदर्शनकारियों के वाहनों को हटाने में जुटी
मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारंगे और उनके समर्थकों को आज़ाद मैदान खाली करने का निर्देश दिये जाने के एक दिन बाद मंगलवार को मुंबई पुलिस ने प्रदर्शन स्थल के आसपास के इलाकों में खड़े प्रदर्शनकारियों के वाहनों को हटाना शुरू कर दिया।
पुलिस उपायुक्त प्रवीण मुंधे बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के साथ बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) मुख्यालय और आजाद मैदान के पास महापालिका मार्ग पर पहुंचे तथा प्रदर्शनकारियों से वहां खड़े उनके वाहनों को हटाने का अनुरोध करने लगे। मुंधे को सार्वजनिक घोषणा प्रणाली की मदद से प्रदर्शनकारियों से पुलिस के साथ सहयोग करने का अनुरोध करते हुए देखा गया।
हालांकि, प्रदर्शनकारी पुलिस के हस्तक्षेप का विरोध करते दिखे। प्रदर्शनकारियों ने तर्क दिया कि उनके ट्रक और टेम्पो जैसे वाहनों में भोजन और पानी जैसी जरूरी चीज़ें हैं। पुलिस अधिकारियों और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस हुई तथा स्थिति से निपटने के लिए दंगा निरोधक पुलिस की एक अतिरिक्त टुकड़ी बुलाई गई।
कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों का घेराव भी किया। हालांकि, अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर शांत किया, उन्हें वैकल्पिक पार्किंग व्यवस्था का आश्वासन दिया और कुछ वाहन नवी मुंबई ले जाने को कहा।