नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद पर नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की प्रतिक्रिया सामने आई है। एक ट्वीट में आनंदपुर साहिब के सांसद ने कहा कि सीडीएस के चयन प्रक्रिया को बढ़ाना एक बुरा विचार नहीं है, लेकिन सख्ती से रेजिमेंट और पदानुक्रमित संगठनों में एक सेवानिवृत्त अधिकारी को सेवारत प्रमुखों के ऊपर रखना समस्याग्रस्त हो सकता है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "सीडीएस के चयन प्रक्रिया को बढ़ाना जरूरी नहीं कि एक बुरा विचार हो। मगर कड़ाई से विनियमित और पदानुक्रमित संगठनों में एक सेवानिवृत्त अधिकारी को सेवारत प्रमुखों के ऊपर रखना समस्याग्रस्त हो सकता है। मुझे आशा है कि ये नियम स्वयं सेवा नहीं कर रहे हैं।" इसके साथ ही तिवारी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को टैग किया।
सेना, वायु सेना और नौसेना अधिनियमों में किए गए परिवर्तनों के अनुसार, तीन सितारा अधिकारी अब तीनों सेवाओं के प्रमुखों के साथ-साथ सीडीएस बनने के योग्य हैं। पिछले साल 8 दिसंबर को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद खाली पड़ा है। नियमों में किए गए बदलावों को सरकार द्वारा असंख्य राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहे देश के बीच अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के रूप में देखा जा रहा है।
बता दें कि एक गजट अधिसूचना में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सीडीएस की नियुक्ति के लिए सरकार उन अधिकारियों पर विचार कर सकती है जो लेफ्टिनेंट जनरल के समकक्ष या सामान्य समकक्ष के रूप में सेवारत हैं या ऐसे अधिकारी जो लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, लेकिन नियुक्ति की तारीख को 62 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं की है। मालूम हो, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ रक्षा मंत्रालय के भीतर बनाए गए सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) का प्रमुख होता है और इसके सचिव के रूप में कार्य करता है।