चुराचनदपुर:मणिपुर में महीनों से जारी हिंसा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में मैतेई और कुकी समुदाय के बीज जारी जातीय हिंसा में अब तक कई लोगों की जाने जा चुकी है। इस बीच बुधवार को इंडिजिनस ट्राइबल लीडर फोरम (आईटीएलएफ) ने कुकी-जो समुदाय के लोगों से माफी मांगी है।
आईटीएलएफ का कहना है कि वह यह माफी गुमराह करने और मैतेई समुदाय के साथ संघर्ष करने के लिए माफी मांगी है। आईटीएलएफ ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि इंडिजिनस ट्राइबल लीडर फोरम, स्वदेशी समुदायों के कल्याण और एकता के लिए प्रतिबद्ध एक अग्रणी संगठन, गुमराह कार्यों को स्वीकार करता है और गहरा खेद व्यक्त करता है, जिसके परिणामस्वरूप दुर्भाग्यपूर्ण संघर्ष में निर्दोष कुकी-जो लोगों का ब्रेनवॉश किया गया और उन्हें मणिपुर में मैतेई लोगों के साथ हिंसा में शामिल किया गया।
संगठन ने आगे कहा कि उसका मानना है कि मिशन का सार विभिन्न स्वदेशी समुदायों के बीच सद्भाव, आपसी सम्मान को बढ़ावा देना, शांति और सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना है।
बयान में कहा गया, "भारी मन से हम इन मूल सिद्धांतों को पूरा करने में अपनी विफलता को स्वीकार करते हैं, जिसके कारण अनपेक्षित परिणाम सामने आए, जिससे कुकी ज़ो और मेइतेई दोनों समुदाय प्रभावित हुए।"
माफी मांगते हुए बयान में कहा गया कि हम उन निर्दोष कुकी-जो लोगों से ईमानदारी से माफी मांगते हैं जिनका भरोसा गलत था और जो अनजाने में संघर्ष में शामिल हो गए थे।
आईटीएलएफ ने यह भी कहा कि वह कार्रवाई करके स्थिति को सुधारने का वचन देता है जिसमें दोनों समुदायों के बीच खुली बातचीत, पुनर्स्थापनात्मक उपाय और इसकी संगठनात्मक प्रक्रियाओं और निर्णय लेने वाली संरचनाओं की पारदर्शी समीक्षा शामिल है।
मई महीने में भड़की थी हिंसा
मणिपुर में हिंदू मैतेई और आदिवासी ईसाई कुकी के बीच हिंसा 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद हिंसा भड़क गई थी। मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के बाद हिंसा भड़क उठी।
मैतेई समुदाय बहुसंख्यक समुदाय है। वे इंफाल घाटी और आसपास के इलाकों में रहते हैं। उनकी बढ़ती जनसंख्या के कारण भूमि की मांग में वृद्धि हुई।
हाड़ी इलाकों में सिर्फ एसटी ही जमीन खरीद सकते हैं इसलिए पहाड़ी इलाकों में जमीन पाने के लिए उन्होंने एसटी का दर्जा मांगा था। इसके बाद भड़की हिंसा की आग अभी तक बुझ नहीं पाई है।
पिछले एक महीने से अधिक समय से पूरे राज्य में हिंसा फैली हुई है और केंद्र स्थिति पर काबू पाने के लिए सरकार को अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा।