इंफाल: हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर में कई महीने से चल रही हिंसक झड़पे शांत होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच, मणिपुर के कांगपोकपी जिले के हरओथेल गांव में गोलीबारी हुई है।
भारतीय सेना के अनुसार, सशस्त्र दंगाइयों ने गुरुवार सुबह मणिपुर के हरओथेल गांव के पास एक इलाके में गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया है।
इस गोलीबारी से निपटने के लिए भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की है। सेना द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया कि सेना गोलीबारी रोकने में कामयाब रही, लेकिन अपुष्ट रिपोर्टों से कुछ लोगों के हताहत होने का संकेत मिलता है।
सेना के बयान के मुताबिक, गोलीबारी गुरुवार सुबह करीब 5:30 बजे शुरू हुई। प्रतिक्रिया में सेना की टुकड़ियों को तुरंत तैनात किया गया और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त बलों को क्षेत्र में भेजा गया। सेना ने कहा कि इलाके में बड़ी भीड़ जमा होने की भी खबर है और स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है।
गौरतलब है कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में फैली हिंसा के कारण अब तक 100 से ज्यादा जाने जा चुकी है। इस हिंसा के कारण कई सैंकड़ों लोगों को अपने घरों को छोड़कर पलायन करना पड़ा है। जानकारी के अनुसार, हिंसा ग्रस्त मणिपुर में प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया।
क्यों हो रही मणिपुर में झड़पें?
मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद तीन मई को पहली बार झड़पें हुई थी। इसके बाद से हिंसा की आग भड़क गई और पूरे राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष शुरू हो गया।
जानकारी के अनुसार, मणिपुर की आबादी में मेइतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी - नागा और कुकी - आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।