भारतीय सेना को मिला पहला आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र-1, आतंकी ठिकाने तबाह करने में सक्षम, जानें इसकी खासियत

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 15, 2024 11:44 AM2024-06-15T11:44:02+5:302024-06-15T14:11:36+5:30

अन्य आत्मघाती ड्रोन्स के विपरित नागास्त्र जरूरत पड़ने पर मिशन को बीच में रोक भी सकता है। इसे सुरक्षित रूप से वापस लाया जा सकता है। "कामिकेज़ मोड" में यह जीपीएस का इस्तेमाल करता है और अपने लक्ष्य पर 2 मीटर की सटीकता प्राप्त कर सकता है।

made-in-India 'Nagastra-1' delivered to Army Know its specialty loitering munition drones | भारतीय सेना को मिला पहला आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र-1, आतंकी ठिकाने तबाह करने में सक्षम, जानें इसकी खासियत

नागास्त्र को कंट्रोल रूम में बैठकर रिमोट से नियंत्रित किया जा सकता है

Highlightsभारतीय सेना को पहला स्वदेशी रूप से विकसित आत्मघाती ड्रोन मिल गया हैइसे नागास्त्र-1 नाम दिया गया हैनागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज ने हथियार को बनाया है

नई दिल्ली: भारतीय सेना को पहला स्वदेशी रूप से विकसित आत्मघाती ड्रोन मिल गया है। इसे नागास्त्र-1 नाम दिया गया है। नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज ने हथियार को बनाया है। भारतीय सेना ने आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत 480 ऐसे ड्रोन्स की आपूर्ति के लिए सोलर इंडस्ट्रीज की इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (ईईएल) को ऑर्डर दिया है। सोलर इंडस्ट्रीज ने अप्रैल 2023 में इज़राइल और पोलैंड के प्रतिस्पर्धियों को पछाड़ते हुए भारतीय सेना को मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) नागास्त्र की आपूर्ति करने का ऑर्डर हासिल किया था। 

क्या है नागास्त्र-1, जानें इसकी खासियत

ड्रोन को बेंगलूरु के जेड-मोशन के सहयोग से सोलर इंडस्ट्रीज नागपुर की सहायक कंपनी इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (ईईएल) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। लक्ष्य के ऊपर मंडराने की क्षमता के कारण ड्रोन को लोइटरिंग म्यूनिशन कहा जाता है। नागास्त्र-1 में 'कामिकेज़ मोड' है। यह अपने लक्ष्य को खोज कर हथियार नहीं दागता बल्कि खुद ही उससे टकराकर नष्ट हो जाता है। 

अन्य आत्मघाती ड्रोन्स के विपरित नागास्त्र जरूरत पड़ने पर मिशन को बीच में रोक भी सकता है। इसे सुरक्षित रूप से वापस लाया जा सकता है। "कामिकेज़ मोड" में यह जीपीएस का इस्तेमाल करता है और अपने लक्ष्य पर  2 मीटर की सटीकता प्राप्त कर सकता है।

नागास्त्र को कंट्रोल रूम में बैठकर रिमोट से नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें हथियार एक यूएवी पर लगाया गया है जो 4,500 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर उड़ सकता है। यह  रडार द्वारा पहचाना नहीं जा सकता है। अगर किसी आतंकी की गाड़ी पर हमला करना हो तो यह लंबे समय तक हवा में घूम सकता है। जैसे ही लक्ष्य विशिष्ट स्थान पर आता है, यह हमला कर सकता है। यह कामिकेज़ मोड में हमला करता है, लक्ष्य और खुद दोनों को नष्ट कर देता है।

यह लगातार एक घंटे तक हवा में रह सकता है। 15 किलोमीटर तक इसे रिमोट से नियंत्रित किया जा सकता है और 30 किलोमीटर तक यह खुद को नियंत्रित कर सकता है। यह रात में भी हमला कर सकता है। यदि एक बार लॉन्च करने के बाद लक्ष्य का पता नहीं चलता है या मिशन रद्द हो जाता है, तो इसे वापस बुलाया जा सकता है और पैराशूट का उपयोग करके सॉफ्ट लैंडिंग की जा सकती है। नागास्त्र-1 अपनी श्रेणी का पहला स्वदेशी हथियार है, जो हवा में मंडराने और लक्ष्य आने पर वार करने में सक्षम है। 

Web Title: made-in-India 'Nagastra-1' delivered to Army Know its specialty loitering munition drones

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