नई दिल्ली: देश में अडानी-हिंडनबर्ग का मुद्दा थमता नजर नहीं आ रहा है। दिन-प्रतिदिन विपक्ष सरकार को अडानी मुद्दे पर घेरने में जुटी हुई है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है।
सोमवार को अपने ट्वीट में सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए टीएमसी सांसद ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से राज्यसभा में एक लिखित उत्तर का हवाला देते हुए कहा, "भारतीय नागारिकों के स्वामित्व वाली अपतटीय शेल कंपनियों के बारे में डेटा 'अनुपलब्ध' है।
महुआ ने सरकार से सवाल करते हुए कहा, "अडानी के खिलाफ सरकार कैसे कार्रवाई कर सकती है? वित्त मंत्रालय को शेल फर्म की परिभाषा नहीं पता है! आरएस में लिखित जवाब कहता है कि कोई सुराग नहीं है, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं।" इसके साथ उन्होंने महात्मा गांधी के तीन बंदरों की एक तस्वीर साझा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को टैग किया।
दरअसल, अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह पर लेखांकन धोखाधड़ी और स्टॉक कीमतों को बढ़ाने के लिए अपतटीय शेल कॉस का उपयोग करने का आरोप लगाया है।
इन मामले का खुलासा होने के बाद से ही महुआ मोइत्रा समेत अन्य विपक्ष के नेता लगातार बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह पर स्टॉक्स के 85 फीसदी तक ओवरवैल्यूड होने के आरोप लगाए गए है।
इसके अलावा रिपोर्ट में अडानी समूह पर शेल कंपनियां बनाकर स्टॉक्स में हेरफेर और धोखाधड़ी करने के आरोप भी लगे हैं। हालांकि, अडानी समूह लगातार इन आरोपों से इनकार करता रहा है।
मामला सामने आने के बाद विपक्ष की तमाम पार्टियां संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग कर रही है लेकिन सरकार ने जांच से इनकार कर दिया है।
सरकार के इस कदम के कारण महीने भर से सदन में अडानी का मुद्दा बार-बार उठाया जा रहा है। विपक्ष संसद से लेकर सड़क तक अडानी मुद्दे पर सरकार के कदम की आलोचना कर रही है।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मुद्दे पर पहले भी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग को हिंडनबर्ग रिसर्च के अडानी के अपतटीय फंडिंग के आरोपों की जांच करने की मांग की।
उन्होंने अपने एक ट्वीट में बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में अडानी समूह की आय में वृद्धि केवल भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा दिए गए अनुचित लाभ के कारण हुई है। महुआ का कहना है कि अडानी की मदद के लिए सरकार ने हर नियम और एजेंसियों की दुरुपयोग किया है।