Maharashtra Politcal Crisis: मुंबई पुलिस ने मुंबई शहर में धारा की धारा 144 लागू कर दी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे मुंबई के सेना भवन पहुंच गए हैं। महाराष्ट्र में सियासी संकट तेज हो गया है। महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के नेता हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
महाराष्ट्र के ठाणे में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वो इस समय असम के गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में राज्य के अन्य बागी विधायकों के साथ ठहरे हुए हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि आज बैठक में हमने मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। हमारे लोग स्थिति पर काम कर रहे हैं। MVA सरकार काम कर रही है और काम करती रहेगी। हमारी सरकार अल्पमत में नहीं है। दिल्ली से हमारी पार्टी की कानूनी टीम भी हमारी मदद कर रही है।
एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद से शिवसेना कार्यकर्ताओं के बढ़ते आक्रोश के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने शहर स्थित विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं के कार्यालयों और उनके आवास पर पुलिस बल तैनात कर दिया है। एक अधिकारी ने शनिवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के कार्यालयों और आवस पर पुलिस बल तैनात किया गया है।
उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडेय की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में सतर्क रहने और सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए। बैठक में संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था), अतिरिक्त आयुक्त और क्षेत्रीय उप पुलिस आयुक्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
शहर की पुलिस द्वारा राज्यसभा चुनाव से पहले जून के प्रथम सप्ताह में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत जारी निषेधाज्ञा 10 जुलाई तक लागू रहेगी। यह धारा एक स्थान पर पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाती है। शिवसेना के अधिकतर विधायकों ने मंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति अपनी वफादारी दिखाते हुए गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं। इससे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर संकट मंडरा रहा है।
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने 16 बागी विधायकों के आवास पर उपलब्ध कराई गई सुरक्षा वापस ले ली है। शिंदे ने कहा कि उनकी भी सुरक्षा वापस ले ली गई है और यह “राजनीतिक प्रतिशोध” की भावना से किया गया है।
इस समय बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल के नाम एक पत्र ट्वीट किया, जिस पर 16 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। इस पत्र में विधायकों ने कहा है कि अगर उनके परिवार के लोगों को कुछ हुआ तो मुख्यमंत्री ठाकरे और सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी गठबंधन के नेता उसके लिये जिम्मेदार होंगे।
शिंदे ने ट्वीट में कहा कि “राजनीतिक प्रतिशोध” की भावना के चलते ठाकरे और वलसे पाटिल के आदेश पर शिवसेना के 16 विधायकों की सुरक्षा वापस ले ली गई है। उन्होंने कहा, “इन विधायकों की सुरक्षा के लिए सरकार जिम्मेदार है।” पत्र में विधायकों ने मांग की है कि उनकी सुरक्षा बहाल की जाए।
पत्र में कहा गया, “यदि हमारे परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचा तो मुख्यमंत्री, महा विकास आघाड़ी के नेता, जैसे शरद पवार, संजय राउत और आदित्य ठाकरे इसके जिम्मेदार होंगे।” विधायकों ने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों और उनके आवास को प्रोटोकॉल के तहत मिला सुरक्षा कवच अवैध रूप से और बदले की भावना से हटाया गया है।
(इनपुट एजेंसी)