मुंबईः कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को ‘‘परिवार पहले’’ का मामला बना दिया है तथा भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों की निर्विरोध जीत सुनिश्चित की जा रही है तथा उनके विरोधियों को मैदान से हटने पर मजबूर किया जा रहा है। कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन द्वारा दबाव की रणनीति और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के माध्यम से लोकतंत्र को “कुचला” जा रहा है।
वहीं, भाजपा ने कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा पर पलटवार करते हुए उन्हें वंशवाद की पार्टियां करार दिया और आरोपों से इनकार किया। वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के रिश्तेदार नगरपालिका परिषदों और नगर पंचायतों में निर्विरोध चुने गए हैं, जहां दो दिसंबर को चुनाव होने हैं।
उन्होंने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह लोकतंत्र का उत्सव नहीं है। यह लोकतंत्र की हत्या है। सत्ता और दबाव का इस्तेमाल करके सत्तारूढ़ पक्ष निर्विरोध जीत सुनिश्चित कर रहा है और फिर अपनी पीठ थपथपा रहा है।’’ राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रवक्ता रविकांत वर्पे ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा आगामी नगर निकाय चुनावों को परिवारवाद का मामला बना रही है।
सत्तारूढ़ पार्टी ने अपने मंत्रियों और विधायकों के रिश्तेदारों को नामांकन पत्र बांटकर जमीनी कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया है।’’ दो दिसंबर को 246 नगर पालिका परिषदों और 42 नगर पंचायतों के लिए चुनाव होना है और मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनजर राज्य भर में नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में सत्तारूढ़ पार्टी के 100 पार्षदों के निर्विरोध निर्वाचन का दावा किया है। भाजपा ने कांग्रेस और राकांपा (शरदचंद्र पवार) द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया है।
पार्टी के मीडिया प्रमुख नवनाथ बन ने दावा किया, ‘‘शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी दूसरों पर वंशवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाने की स्थिति में नहीं है। महाराष्ट्र में 288 नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में भाजपा के मुश्किल से पांच प्रतिशत उम्मीदवार किसी नेता से संबंधित हैं। शेष 95 प्रतिशत साधारण जमीनी कार्यकर्ता हैं जिन्हें अवसर दिया गया है।’’