लखनऊ: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष और यौन शोषण के आरोपों को झेल रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि 99.9 फीसदी संभावना है कि वह उत्तर प्रदेश के अपने कैसरगंज सीट से भाजपा की ओर से फिर चुनावी मैदान में खड़े होंगे।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार महिला पहलवानों द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों में फंसे भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि वो फिलहाल तो प्रतियोगिता में नहीं हैं, लेकिन वह कैसरगंज सीट पर भारी बहुमत से चुनाव जीतेंगे।
उन्होंने कहा, "मैं अभी उम्मीदवार नहीं हूं। लेकिन कैसरगंज लोकसभा सीट पर बीजेपी का कोई मुकाबला नहीं है। पिछली बार मैंने 2 लाख से ज्यादा वोटों से सीट जीती थी। इस बार कार्यकर्ताओं ने 5 लाख वोट का नारा दिया है।"
निवर्तमान सांसद ने कहा कि भले ही भाजपा एक घंटे पहले भी अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दे, लेकिन कैसरगंज सीट पर कोई मुकाबला नहीं होगा। जहां से वह मौजूदा सांसद हैं।
उन्होंने कहा, “अगर भगवान ने यह तय किया है, तो मैं क्या कर सकता हूं? लेकिन मैं प्रबल दावेदार हूं, इसलिए 99.9 प्रतिशत मैं कैसरगंज से लड़ूंगा, 0.1 प्रतिशत ही संदेह है चुनाव न लड़ने का। भले ही पार्टी एक घंटे पहले ही उम्मीदवार की घोषणा करे, लोग मुझे ही जिताएंगे।''
हालांकि भगवा पार्टी ने कैसरगंज सीट के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा अभी तक नहीं की है क्योंकि बृजभूषण का नाम कई विवादों के इर्द-गिर्द घूम रहा है। कई महिला पहलवानों समेत ओलंपिक पदक विजेता पहलवानों ने भाजपा नेता के खिलाफ बेहद जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था। पहलवानों का आरोप है कि बृजभूषण शरण सिंह ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष रहने के दौरान कथित तौर पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किया था।
साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया समेत पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर लंबे समय तक धरना दिया था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने 15 जून 2023 को बृजभूषण के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया। हालांकि, उन्हें 20 जुलाई, 2023 को कोर्ट द्वारा जमानत दे दी गई थी।
छह बार सांसद रहे भूषण अपने राजनीतिक निर्वाचन क्षेत्र और उसके आसपास लगभग 50 निजी शैक्षणिक केंद्र भी चलाते हैं। वह लगभग एक दशक तक भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे।