दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को कहा कि परिसरों को ‘राजनीति का अखाड़ा’ नहीं बनाया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा साक्ष्य जारी किए जाने के बाद जेएनयू में वाम मंसूबे बेनकाब, वाम दल राजनीतिक लड़ाई के मैदान के रूप में परिसर का उपयोग कर रहे। ट्वीट करके कहा- JNU में लेफ्ट बेनकाब हुआ। उन्होंने टैक्सपेयर्स के पैसों से बनी सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट किया, नए छात्रों का रजिस्ट्रेशन रोक दिया, कैंपस को राजनीतिक युद्ध के लिए इस्तेमाल किया।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जेएनयू हिंसा पर शुक्रवार को दिल्ली पुलिस द्वारा साझा की गयी जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि जेएनयू में वाम मंसूबे अब बेनकाब हो गये हैं। उन्होंने वामदलों पर जेएनयू परिसर को राजनीतिक लड़ाई का मैदान में तब्दील करने का आरोप भी लगाया।
पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ जेएनयू में वाम मंसूबे बेनकाब। उन्होंने भीड़ की अराजकता का नेतृत्व किया, कदरताओं के पैसे से खड़ी की गयी सरकारी संपत्ति को नष्ट किया, नये विद्यार्थियों को पंजीकरण से रोका और परिसर को राजनीतिक लड़ाई के मैदान के रूप में इस्तेमाल किया। दिल्ली पुलिस के सबूत जारी करने के बाद जेएनयू हिंसा में वामपंथियों का हाथ सबके सामने आ गया है।’’
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जेएनयू के छात्रों को अपना आंदोलन समाप्त कर शैक्षणिक सत्र शुरू होने देना चाहिए। भाकपा, माकपा, आप जैसे दलों को लोकसभा चुनाव में खारिज कर दिया गया, अब वे अपने निहित स्वार्थों के लिए छात्रों का उपयोग कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू)में पांच जनवरी को हुयी हिंसा की दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही जांच में स्पष्ट हुआ है कि वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्र घटना में शामिल थे।
विपक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि भाकपा, माकपा, आप जैसे दलों को लोकसभा चुनाव में खारिज कर दिया गया और अब वे अपने निहित स्वार्थों के लिए छात्रों का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के आंदोलनरत छात्रों से अपना आंदोलन समाप्त कर शैक्षणिक सत्र शुरू होने देने की अपील की। जावड़ेकर ने कहा कि पुलिस सच्चाई को सामने लायी और यह स्पष्ट है कि वामपंथी छात्र संगठन हमले में शामिल थे।
पत्रकारों ने ईरानी से जेएनयू परिसर में हिंसा के बारे में पूछा, जिस पर उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने पहले भी कहा था और अब भी दोहरा रही हूं कि शैक्षणिक संस्थानों को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि इससे हमारे विद्यार्थियों की जिंदगी और प्रगति प्रभावित होती है।’’
अमेठी की सांसद ने कहा, ‘‘ मैं आशा करती हूं कि विद्यार्थियों को राजनीतिक मोहरे की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले की जांच शुरू हो गयी है और ऐसे में उस पर टिप्पणी करना मेरे लिए उचित नहीं होगा क्योंकि मैं संवैधानिक पद पर आसीन हूं।’’
रविवार रात को जेएनयू परिसर में नकाबपोश व्यक्तियों ने लाठी-डंडों और छड़ों से विद्यार्थियों एवं शिक्षकों पर हमला किया एवं संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। उसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा जिसने फ्लैग मार्च किया। विश्वविद्यालय परिसर में करीब दो घंटे तक अराजकता का माहौल रहा । इस हिंसा में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइसी घोष समेत कम से कम 28 लोग घायल हो गये।