शारदा चिटफंड घोटाले पर जारी विवाद के बीच ममता सरकार ने सोमवार को कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार का तबादला कर दिया। मंगलवार को राजीव कुमार को वेस्ट बंगाल के सीआईडी (क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट) का एडीजी और आईजीपी का पदभार सौंपा गया। राजीव कुमार की जगह अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुज शर्मा नए पुलिस आयुक्त बनाए गए हैं।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग ने यह निर्देश दिया था कि एक ही पद पर तीन साल से रहने की वजह से लोकसभा चुनावों से पहले राजीव कुमार का तबादला किया जाना अनिवार्य है। इस वजह से उन्हें सीआईडी में पदभार संभालने का आदेश दिया गया।
लोकसभा चुनावों से पहले राजीव कुमार का तबादला अनिवार्य था
सरकारी सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग ने यह निर्देश दिया था कि एक ही पद पर तीन साल से रहने की वजह से लोकसभा चुनावों से पहले राजीव कुमार का तबादला किया जाना अनिवार्य है। इस वजह से उन्हें सीआईडी में पदभार संभालने का आदेश दिया गया है।
20 फरवरी को फिर होगी पूछताछ
चिटफंड घोटाले के सिलसिले में राजीव कुमार की सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 20 फरवरी को होनी है। उसके दो दिन पहले ही राजीव कुमार का तबादला कर दिया गया है।
कौन है पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार?
राजीव कुमार पश्चिम बंगाल के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी है। वे कोलकाता पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं। साल 2016 में वे कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्त किए गए। वे सुरजीत कर पुरकायस्थ के जगह नियुक्त हुए थे। बता दें कि राजीव कुमार विधाननगर के पुलिस आयुक्त और कोलकाता पुलिस के स्पेशल टॉस्क फोर्स के चीफ रह चुके हैं।
राजीव कुमार यूपी के चंदौसी के रहने वाले हैं। उन्होंने आईआईटी रुड़की से कंप्यूटर साइंस में इंजिनियरिंग की पढ़ाई की थी। टेक्नो फ्रेंडली राजीव कुमार ने अपनी पढ़ाई का भरपूर इस्तेमाल अपने काम में किया। राजीव कुमार ने टेक्नॉलजी की मदद से कई अपराधियों को पकड़ा और यहीं से वह काफी चर्चित हो गए।
राजीव कुमार ने 2013 में सारदा और रोज वैली घोटालों की जांच करने वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) का नेतृत्व किया था। इस घोटले में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हो गए थे तब राजीव कुमार और कुछ अन्य अधिकारियों को जांच में मदद करने के लिए कहा गया था।