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KK Pathak News: पाठक को लेकर विधानमंडल में हो हल्ला!, सत्ता और विपक्ष में भिड़ंत, राजद ने कहा-सीएम नीतीश आदेश को नहीं मान रहे, टाइमिंग सुबह 9 से शाम 5 बजे तक...

By एस पी सिन्हा | Published: February 22, 2024 4:22 PM

KK Pathak News: के के पाठक के वायरल वीडियो को लेकर अशोक चौधरी ने कहा कि सभापति के संज्ञान में मामला आया है, वह इसको देख कर इसकी जांच करेंगे।

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ठळक मुद्देआज गांवों में केके पाठक चर्चा का विषय बन गए हैं। लगातार शिक्षा को सुधारने में काम कर रहे हैं। शिक्षा विभाग का जो बजट है, उसे बजट के अनुरूप वह काम कर रहे हैं।

KK Pathak News: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर विधानमंडल के दोनों सदनों में पक्ष हो या विपक्ष एक तरफ सवाल खड़ा कर रहा है तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री या उनके सबसे करीबी नेता केके पाठक के बचाव में उतर गए हैं। इसी कड़ी में आज पूर्व मंत्री व विधान पार्षद अशोक चौधरी भी केके पाठक का बचाव करते दिखे। उन्होंने केके पाठक के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग का जो बजट है, उसे बजट के अनुरूप वह काम कर रहे हैं। अशोक चौधरी ने कहा कि पहले विद्यालयों में ना तो शिक्षक समय पर आते थे और ना ही बच्चे, जब से केके पाठक ने शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाली है, तब से शिक्षक भी समय पर स्कूल आ रहे हैं और बच्चे भी। उन्होंने कहा कि आज गांवों में केके पाठक चर्चा का विषय बन गए हैं। वह लगातार शिक्षा को सुधारने में काम कर रहे हैं। वहीं के के पाठक के वायरल वीडियो को लेकर अशोक चौधरी ने कहा कि सभापति के संज्ञान में मामला आया है, वह इसको देख कर इसकी जांच करेंगे।

वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति की बैठक केके पाठक द्वारा किए जाने पर उठ रहे सवाल को लेकर अशोक चौधरी से सवाल पूछा गया तो वह गोल मटोल जवाब देते हुए नजर है। उन्होंने कहा कि चुकी उच्च शिक्षा में महामहिम राज्यपाल का आदेश सर्वमान्य होता है। लेकिन उच्च शिक्षा में भी पैसा जो खर्च होता है, वो राज्य सरकार का होता है।

वहां के शिक्षकों को प्रोफेसर को जो पैसा जाता है वह राज्य सरकार से जाता है क्योंकि विश्वविद्यालय एक ऑटोनॉमस बॉडी है। उसके बावजूद भी वह फंड कलेक्ट नहीं कर पाते हैं, राज्य सरकार से ही जाता है तो उन सभी विषयों को लेकर वह बैठक करते हैं।

वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के द्वारा विधानसभा भंग करने की संभावना जताई जाने पर अशोक चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बात चल रही है, लेकिन लोकसभा और विधानसभा एक साथ करवाने की दूर दूर तक कोई सवाल नहीं है। विपक्ष के द्वारा दूसरे तरीके से इसका प्रचार किया जा रहा है।

राजद ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर किया कटाक्ष, कहा-मुख्य सचिव बना दिया जाए

बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के द्वारा कथित तौर पर शिक्षकों को गाली देने का वीडियो वायरल होने के बाद राजद विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह ने उन्हें बिहार का मुख्य सचिव बनाने की मांग की है। विधान परिषद में गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जदयू के विधान पार्षद संजीव कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के विधानसभा में बोलने के बाद भी स्कूलों की टाइमिंग सुबह 9 से शाम 5 बजे तक रखी जा रही है। एक दिन पहले ही केके पाठक के निर्देश पर यह आदेश जारी हुआ है।

यानी केके पाठक अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश की भी अवहेलना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक स्कूल खोलने की बात कही थी। इस दौरान संजीव कुमार सिंह की बातों का समर्थन करते हुए कई विधान पार्षदों ने केके पाठक को मनमाने ढंग से काम करने वाला अधिकारी कहा।

इसी बीच, राजद के सुनील कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक दिन पहले ही केके पाठक की खूब तारीफ कर रहे थे। वहीं पाठक का वीडियो वायरल है, जिसमें वे शिक्षकों को गाली दे रहे हैं। पहले भी कई विवादित बयान और आदेश जारी करा चुके हैं, जबकि पूरा सदन उनके खिलाफ अपने वक्तव्य दे चुका है।

सुनील सिंह ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समझते हैं कि केके पाठक इतने ही काबिल अधिकारी हैं तो बेहतर होगा उन्हें राज्य का मुख्य सचिव बना दें या फिर केके पाठक को मुख्यमंत्री अपने साथ ही किसी अहम पद देकर रखें ताकि बिहार का और ज्यादा भला हो जाए।

सुनील कुमार सिंह के इस कटाक्ष से पूरा सदन विनोदपूर्ण माहौल में हो गया। दरअसल, एक दिन पहले भी केके पाठक के वायरल वीडियो को लेकर सदन में हंगामा हुआ था। बाद में उनके वीडियो से जुड़े जाच के मुद्दे पर एक पांच सदस्यीय दल का गठन किया गया है।

बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर विधानसभा में विपक्षी विधायकों ने किया जमकर हंगामा

बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी विधायकों ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर कथित तौर पर शिक्षकों को गाली देने का आरोप लगाया गया। प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने विपक्ष को शून्य काल में इस मुद्दे को उठाने को कहा।

लेकिन विपक्ष का कहना था कि केके पाठक शिक्षकों को अपमानित करते हैं और गालियां दी है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी जिला स्तर के अधिकारी अलग आदेश जारी कर रहे हैं। प्रो.चंद्रशेखर ने कहा कि गाली देने का के.के पाठक का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। वह जिस क्षेत्र के कार्य करते हैं, वहां गाली ही देते हैं। उन्होंने मांग की कि वायरल वीडियो मामले में निष्पक्ष जांच हो और उचित कार्रवाई किया जाए।

जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। प्रो. चंद्रशेखर उक्त वीडियो को मोबाइल के माध्यम से दिखाने लगे। साथ ही राजद-कांग्रेस के कई विधायक खड़े होकर अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। इसके बाद शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने इस पर गहरी नाराजगी जताई और पूर्व शिक्षा मंत्री को नियम का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि डॉ चंद्रशेखर से अनुरोध करना चाहते हैं, आप शिक्षा मंत्री रहे हैं।

मोबाइल का वीडियो बिना अध्यक्ष की इजाजत के नहीं दिखाया जाता है। वह भी प्रेस गैलरी की तरफ देखकर आप दिखा रहे हैं। आप जो वीडियो दिखा रहे हैं, जिसमें एक अधिकारी द्वारा कथित तौर पर आपत्तिजनक शब्द प्रयोग करने का आरोप है। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि कोई भी अधिकारी आम आदमी के खिलाफ भी अपशब्द का प्रयोग नहीं कर सकता। शिक्षक और विधायकों की बात ही छोड़ दीजिए।

हमने विधान परिषद में कहा था और आसान से आग्रह किया था कि आप टेप खुद देख लें। उच्च सदन के सभापति को वह टेप उपलब्ध है। सरकार की तरफ से उनको अधिकृत कर दिया गया है कि आप स्वयं टेप देख लें और आपकी जो अनुशंसा होगी सरकार मानेगी। वहीं शिक्षा मंत्री के जवाब से बिफरा विपक्ष जोरदार हंगामा करने लगा।

विपक्षी सदस्यों ने आसन के सामने आकर नीतीश कुमार हाय हाय, हाय हाय, हाय हाय के नारे लगाए। साथ ही शिक्षा मंत्री शर्म करो के नारे भी काफी देर तक लगते रहे। वहीं विपक्षी सदस्यों को बार बार आसन की ओर से अपने जगह पर जाने का निर्देश दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि उच्च सदन के रिपोर्ट आने दीजिए उसके बाद ही यहां इस पर आगे चर्चा होगी। हालांकि सदन में नीतीश कुमार हाय हाय, हाय हाय, हाय हाय ... शिक्षा मंत्री शर्म करो के नारे लगते रहे।

बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर बिफरी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी 

बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर बिहार विधानमंडल में हंगामा बरपा हुआ है। विपक्ष के साथ-साथ सत्तापक्ष भी केके पाठक के व्यवहार को लेकर नाराजगी जता रहा है। विपक्ष का कहना है कि केके पाठक शिक्षकों को अपमानित करते हैं। ऐसे में अब इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि ये रोजाना पत्र लिखते रहते हैं और कुछ भी बोलते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री लगातार केके पाठक को ईमानदार अधिकारी बताते हैं लिहाजा इस बारे में नीतीश कुमार ही जानें। इसके साथ ही राबड़ी देवी ने कहा कि जैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पलटी मारते रहते हैं, वैसे ही उनके अधिकारी भी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यहां मुख्यमंत्री के आदेश के बाद ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव उनका आदेश नहीं मान रहे हैं। वो अपनी मनमर्जी कर रहा है। जबकि उसके पास कोई अलग से अधिकार नहीं है कि वो मुख्यमंत्री की बात नहीं माने। अब मुख्यमंत्री को तय करना है कि ऐसे में कैसे काम होगा।

एक तरफ नीतीश कुमार कहते हैं कि केके पाठक बहुत ईमानदार हैं और दूसरी तरफ क पाठक मुख्यमंत्री के आदेश को ही नहीं मान रहे हैं तो फिर यह कैसी ईमानदारी है? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों तरफ बोलते हैं, ऐसा नहीं चल सकता है। अब मुख्यमंत्री को तय करना होगा कि केके पाठक की कार्यशैली कैसी है?

राबड़ी देवी ने कहा कि पाठक न सिर्फ मुख्यमंत्री की बात को अनसुना कर रहे हैं बल्कि राजभवन से भी भीड़ जाते हैं। हाल ही आप देख लीजिए कुलपति के साथ बैठक करने का आदेश जारी करते हैं, वो यह कहां से सही है? जबकि किसी भी विश्वविद्यालय के वीसी को बुलाकर बैठक करने का अधिकार सिर्फ महामहिम राज्यपाल के पास ही होता है।

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