Karnataka Assembly Elections 2023: कर्नाटक चुनाव के बीच भाजपा नेताओं के बयानों ने राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है। भाजपा कर्नाटक इकाई के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा मंगलवार को अपने दो बयानों को लेकर खासे चर्चा में रहे। शिवमोग्गा में वीरशैव-लिंगायत बैठक में धर्मांतरण के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा विधानसभा चुनाव में भाजपा को मुसलमानों के वोट की जरूरत नहीं है। वहीं एक अन्य बयान में उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया। उन्होंने कहा कि सीटी रवि में सीएम बनने की सभी काबिलियत हैं।
अब इस बीच सीटी रवि ने केएस ईश्वरप्पा के दोनों बयानों पर प्रतिक्रिया दी है। वहीं ईश्वरप्पा ने भी सीटी रवि को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताने को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। ईश्वरप्पा ने कहा कि सीटी रवि अच्छे नेता हैं, लेकिन सीएम घोषित करने का फैसला उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। चिक्कमगलुरु में उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। वे भविष्य में मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने ईश्वरप्पा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को कहा कि 'हम कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं। आज कुछ जगहों पर कुछ ही लोग ऐसा कह रहे हैं, जिस दिन पूरे राज्य में लोग ऐसा कहेंगे, उस दिन मैं मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हो जाऊंगा। आज, बोम्मई जी सीएम हैं।'
सीटी रवि ने ईश्वरप्पा के 'भाजपा को एक भी मुसलमान के वोट की जरूरत नहीं' वाले बयान पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि भाजपा को वोट देने वाले मुसलमानों में कई देशभक्त हैं। लेकिन उनमें से कुछ जो पाकिस्तान का समर्थन करते हैं और विभाजनकारी विचारधारा रखते हैं, कांग्रेस और जनता दल को वोट देते हैं, वैसे पाकिस्तानी मानसिकता वालों का वोट नहीं चाहिए। सीटी रवि ने कहा कि अब्दुल कलाम और शिशुनाला शरीफा जैसे लोग बीजेपी को वोट देते रहे हैं। भाजपा नेता ने कहा कि हम 'सबका साथ, सबका विकास' को ध्यान में रखते हुए सरकारी योजनाएं लाते हैं, जाति को नहीं।
बता दें कि कुरूबा नेता ईश्वरप्पा शिवमोग्गा सीट से पांच बार विधायक रहे हैं। कुरुबा समुदाय राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आता है। बूथ स्तर से राजनीतिक करियर शुरू करने वाले ईश्वरप्पा उपमुख्यमंत्री जैसे पद पर आसीन रहे। इस बार के विधानसभा चुनाव में उन्होंने खुद को चुनावी राजनीति से दूर कर लिया है। पिछले दिनों उन्होंने जेपी नड्डा को लिखे पत्र में कहा था कि वह चुनावी राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं और विधानसभा चुनाव में किसी सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाने पर विचार नहीं करने का आग्रह भी किया था।