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कर्नाटक: आपसी झड़प के बाद कांग्रेस के विधायक आनंद सिंह अस्पताल में भर्ती, 4 विधायकों को भेजा गया नोटिस

By भाषा | Published: January 21, 2019 12:35 AM

विधायक दल की बैठक में इन चारों कांग्रेस विधायकों की गैर-मौजूदगी से राज्य की सात महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। पार्टी ने चारों विधायकों को स्पष्टीकरण देने को कहा है।

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कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम ने उस वक्त अजीबोगरीब मोड़ ले लिया जब कांग्रेस के विधायक जे एन गणेश की अपनी ही पार्टी के विधायक आनंद सिंह से कथित तौर पर झड़प हो गई। इस बीच, कांग्रेस ने पार्टी विधायक दल की अहम बैठक में हिस्सा नहीं लेने वाले अपने चार विधायकों को नोटिस जारी किया है।कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी के दोनों विधायकों के बीच झड़प की घटना शनिवार की रात शहर के उस रिजॉर्ट में हुई जहां कांग्रेस के विधायक शुक्रवार से ही जमे हुए हैं। मुख्य विपक्षी भाजपा की ओर से कांग्रेस-जद एस सरकार गिराने की कथित कोशिशों के कारण इन विधायकों को रिजॉर्ट में रखा गया है।उन्होंने बताया कि बल्लारी जिले के कम्पली विधानसभा क्षेत्र से विधायक जे एन गणेश के साथ हुई झड़प के बाद इसी जिले के होसपेट से विधायक आनंद सिंह को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोनों के बीच तीखी बहस हुई और फिर हाथापाई हो गई।इस बीच, रविवार को अपने चार विधायकों को भेजे गए नोटिस में कांग्रेस ने जानना चाहा है कि शुक्रवार को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हिस्सा नहीं लेने पर उनके खिलाफ दल-बदल निरोधक कानून के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। कांग्रेस ने अपने शक्ति प्रदर्शन के उद्देश्य से विधायक दल की बैठक की थी।बहरहाल, अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि आनंद सिंह की ‘‘आंखें काली पड़ गई हैं।उनके मुताबिक, आनंद ने छाती में बेचैनी की शिकायत की थी, लेकिन अब वह ‘‘ठीक’’ हैं और वॉर्ड में हैं। गणेश कांग्रेस के उन ‘असंतुष्ट’ विधायकों में शामिल बताए जाते हैं जो कथित तौर पर भाजपा में शामिल होने की योजना बना रहे पार्टी के असंतुष्ट विधायकों के संपर्क में हैं।भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने राज्यपाल वजुभाई वाला और विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार से घटना की रिपोर्ट मांगने की अपील की है। कांग्रेस प्रवक्ता एवं निजामाबाद के पूर्व सांसद मधु गौड़ याक्षी ने बताया, ‘‘यह निजी मामला था, जिले से जुड़ा था। वे कारोबार में एक साथ हैं। इस झड़प का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। वे एक ही जिले के हैं और उनके कारोबारी रिश्ते हैं। यह (झगड़ा) उसी से जुड़ा है। इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।’’ याक्षी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उनकी मौजूदगी में दोनों विधायकों ने रात में खाना खाया और उस समय सब कुछ अच्छा था, लेकिन जैसे ही वह वहां से गए तो दोनों के बीच झगड़ा हो गया। येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि घटना के लिए सिद्धरमैया जवाबदेह हैं और उन्होंने मांग की कि पुलिस सिंह के बयान दर्ज करे। उन्होंने कहा, ‘‘एक रिजॉर्ट में कांग्रेस के विधायकों के बीच झड़प और उसके परिणाम स्वरूप आनंद सिंह को अस्पताल में भर्ती कराने की घटना से सभी 224 विधायकों का सिर शर्म से झुक गया है। राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना चाहिए और उचित कार्रवाई के लिए घटना की रिपोर्ट मांगनी चाहिए।’’ बिदाड़ी पुलिस थाने ने संपर्क किए जाने पर बताया कि उसे इस बाबत अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है। अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।कांग्रेस विधायक रघुनाथ ने कहा, ‘‘हमें अस्पताल के भीतर नहीं जाने दिया गया।’’ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा ने ट्वीट किया, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केपीसीसी, इगलटन रिजॉर्ट में झगड़ा रोकने में नाकाम रही। हम उम्मीद करते हैं कि आनंद सिंह का इलाज कराया जा रहा होगा और हम उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’ भाजपा ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश अब दिनेश गुंडू राव (प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष) भाजपा पर भी ठीकरा नहीं फोड़ सकते, क्योंकि विधायक तो उनकी निगरानी में इगलटन में ठहरे हुए हैं। अब आप कौन सा बहाना बनाएंगे?’’ बहरहाल, कांग्रेस नेता एवं कर्नाटक सरकार में वरिष्ठ मंत्री डी के शिवकुमार ने इन खबरों को खारिज किया कि आनंद सिंह पर हमला हुआ। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के सारे विधायक एकजुट हैं। शिवकुमार ने कहा, ‘‘किसी ने गुमराह किया है। कोई हमला नहीं हुआ। (सिंह के सिर पर) बोतल मारने की कोई घटना नहीं हुई। यह फर्जी खबर है। हर कोई साथ है। पूरी कांग्रेस एकजुट है।’’ कर्नाटक में भाजपा के वरिष्ठ नेता आर अशोक ने कहा कि कांग्रेस आनंद सिंह को मीडिया के सामने पेश करे और पुलिस इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू करे। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने जिन विधायकों को नोटिस भेजा उनमें रमेश जरकीहोली, बी नागेंद्र, उमेश जाधव और महेश कुमताहल्ली शामिल हैं। इन चारों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। विधायक दल की बैठक में इन चारों कांग्रेस विधायकों की गैर-मौजूदगी से राज्य की सात महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। पार्टी ने चारों विधायकों को स्पष्टीकरण देने को कहा है। कांग्रेस के 80 में से 76 विधायकों ने बैठक में हिस्सा लिया था।

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