नई दिल्ली, 21 जुलाई: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग इलाके में आंतकियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया है। आतंकियों ने इस हमला को अंजाम अनंतनाग के बामजू और सिअर इलाके के बीच दिया है। सेना के जवान पर हुए इस हमले में फिलहाल कोई हताहत की सूचना नहीं है। हमला करने के बाद आतंकी जंगल में फरार हो गए हैं।जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने आतंकियों को ढूंढने के लिए जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया है।
वहीं सुबह एक बार फिर से सेना और आंतकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुआ था। ये एनकाउंटर कुपवाड़ा जिले के तंघधार सेक्टर में शुरू हुआ है। खबर के मुताबिक सेना को खुफिया सूचना मिली थी कि उस इलाके में आतंकी छिपे हुए हैं। जिसके बाद सेना ने कार्रवाई करते हुए इलाके को चारों तरफ से घेर लिया है। सेना की घेराबंदी के बाद आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी है।
ईद के बाद आतंकियों पर फिर चलेगा सेना का चाबुक, शुरू होगा ऑपरेशन ऑल आउट!
औरंगजेब के पिता ने बेटे की शहादत पर बयां किया दर्द- कहा- दुश्मनों को मारिए या खुद मर जाइए
किन वजहों से खास रहा इस साल का रमज़ान और इफ्तार
जम्मू कश्मीरः घाटी में ऑपरेशन ऑल आउट का कहर, 22 आतंकियों की लिस्ट तैयार, 1 ढेर
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में आतंकी गतिविधियां बढ़ी है। आतंकी भारतीय सेना को लगातार टारगेट कर रहे हैं। लेकिन सेना भी आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे रही है। दो दिन पहले आंतकियों ने कुपवाड़ा के ही बाटपोरा इलाके में सेना को निशाना बनाया था। जिसके बाद सेना और एसओजी ने एक संयुक्त कार्रवाई की थी।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में हो रही आंतकी गतिविधियों पर केंद्र सरकार ने सख्त रूख अपनाया है। ईद के बाद आतंक के खिलाफ सेना ने 'ऑपरेशन ऑल आउट' शुरू किया है। इसके तहत सेना ने 22 खूंखार आंतकियों की लिस्ट तैयार की गई है। उन 22 आंतकियों में से अब तक 3 आंतकी सेना के हाथों मारे गए हैं। सेना द्वारा तैयार किए गए इस लिस्ट में हिजबुल मुजाहिद्दीन के 11, लश्कर-ए-तैयबा के सात, जैश-ए-मोहम्मद के दो और अंसार गजावत उल-हिंद के आतंकी शामिल हैं। 22 आतंकियों की लिस्ट में अंसार गजावत उल-हिंद का आतंकी जाकिर मूसा, लश्कर आतंकी मोहम्मद नावेद जट, हिजबुल मुजाहिद्दीन प्रमुख डॉक्टर सैफुल्ला, अल्ताफ कचरू उर्फ मोइन-उल-इस्लाम, समीर अहमद जैसे नाम शामिल हैं। इनमें ज्यादातर आतंकी कश्मीर के ही रहने वाले हैं, कुछ पाकिस्तान से भी हैं।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने ये भी फैसला किया था कि 'ऑपरेशन ऑल आउट' के तहत मारे जाने वाले आतंकियों की लाश मुठभेड़ वाली जगह ही दफनाई जाएगी। लाश को उनके परिवार वालों को नहीं सौंपा जाएगा। आतंकियों के जानजा में उमड़ने वाली भीड़, शहीदों जैसा मिलने वाला ट्रीटमेंट, जिससे की घाटी में नए युवक गुमराह होते हैं। इस देखते हुे सरकार ने ये फैसला किया है।
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें!