मुंबईः शिवसेना ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा एमवीए सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। शिवसेना ने फ्लोट टेस्ट को गैरकानूनी बताया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में उसने कहा कि जब 16 विधायकों की अयोग्यता के मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है, उस बीच फ्लोर टेस्ट कराना अदालती कार्यवाही की अवमानना होगी।
सुप्रीम कोर्ट शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की याचिका पर शाम पांच बजे सुनवाई करने के लिए बुधवार को राजी हो गया। वहीं जेल में बंद NCP नेता नवाब मलिक और अनिल देशमुख ने भी कल महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। रिपोर्ट के मुताबिक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज शाम साढ़े 5 बजे सुनवाई करेगा।
हालांकि फ्लोर टेस्ट से पहले महाविकास अघाड़ी सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। NCP के चार विधायक ऐसे हैं जो कल फ्लोर टेस्ट में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। अजित पवार और छगन भुजबल कोविड संक्रमित हैं वहीं नवाब मलिक और अनिल देशमुख जेल में बंद हैं। फ्लोर टेस्ट की चुनौती को देखते हुए मलिक और देशमुख ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अब देखना होगा कि क्या कोर्ट दोनों नेताओं को फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की अनुमति देता है नहीं।
पर एकनाथ शिंदे आश्वस्त हैं कि वह फ्लोर टेस्ट पास कर जाएंगे। शिंदे ने विश्वास जताया कि उनके बागी विधायकों के खेमे के पास बहुमत है और वह गुरुवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट में पास हो जाएंगे। बागी नेता ने कहा, हम कल मुंबई पहुंचेंगे। 50 विधायक हमारे साथ हैं। हमारे पास 2/3 बहुमत है। हम किसी भी फ्लोर टेस्ट के बारे में चिंतित नहीं हैं। हम सब कुछ पास करेंगे और हमें कोई नहीं रोक सकता। लोकतंत्र में, बहुमत मायने रखता है और हमारे पास है।