नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में शुरू हुए चार दिवसीय इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022 के आयोजन के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5G इंटरनेट सेवाओं की शुरूआत की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी सी-डॉट तकनीक के बारे में जानकारी ली जो प्राकृतिक आपदाओं की समय से पहले सूचना दे सकती है और देश को जान-माल की होने वाली हानि से बचा सकती है।
क्या है 'सी-डॉट तकनीक'
संचार मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स यानि 'सी-डॉट' ने सूचना प्रौद्यौगिकी पर आधारित एक ऐसा अलर्ट सिस्टम तैयार किया है जो बारिश, तूफान, खराब मौसम जैसी प्राकृतिक आपदाओं की जानकारी निश्चित इलाके के लोगों को समय रहते सीधे मोबाइल पर पहुंचाएगा। इस तकनीक का सफल परीक्षण कोरोना काल में लोगों को महामारी संबंधी संदेश देने के लिए किया गया था। फरवरी 2022 में इस खास सेवा को पूरे देश में लॉन्च कर दिया जाएगा। 'सी-डॉट प्रणाली' के लॉन्च हो जाने के बाद भारत दुनिया का छठवां ऐसा देश होगा जिसके पास ऐसी चेतावनी प्रणाली होगी। इससे पहले ये तकनीक सिर्फ अमेरिका, जर्मनी, इटली और कनाडा के पास ही है।
यह तकनीक कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काम आएगी। इस तकनीक से सरकार को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने में मदद मिलेगी और नागरिकों तक जरूरी सूचनाएं समय रहते पहुंचायी जा सकेंगी। माना जा रहा है कि यह स्वदेशी तकनीक भारत के लिए क्रांतिकारी साबित होगी।
बता दें कि सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स ने भारतीय रेलवे के लिए भी एक खास तकनीक 'कवच' बनाई है। 'कवच' एक ऐसी स्वदेशी एंटी-कोलिजन डिवाइस है, जिससे ट्रेन दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। इस तकनीक के तहत जब दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आमने-सामने आ जाती हैं तो 'कवच' खुद ही सक्रिय हो जाता है और 380 मीटर की दूरी से ट्रेन के इंजन को तुरंत रोक देता है।
5G के जरिए तेज होगी सेवा
देश भर में 5G सेवाएं लॉन्च होने के बाद संचार से जुड़ी नई तकनीकों का इस्तेमाल रोबोटिक्स और मशीन लर्निंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी किया जा सकेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, मैन्युफैक्चरिंग, उद्योग, आपदा प्रबंधन और कृषि जैसे क्षेत्रों में भी 5G के जरिए संचार सेवाओं की गति बढ़ेगी और तकनीक के इस्तेमाल से ज्यादा से ज्यादा फायदा हासिल किया जा सकता है।