दिल्ली : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शनिवार को एलोपैथी पर टिप्पणी करने के मामले में फटकार लगाई और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाए या उनके आरोपों को स्वीकार करने और आधुनिक चिकित्सा सुविधा को खत्म करने की मांग की है । हालांकि हरिद्वार पंतजलि योगपीठ ट्रस्ट ने टिप्पणी को गलत बताते हुए इस बात से इंकार किया है ।
डीएमए ने रामदेव के खिलाफ दर्ज की शिकायत
एलोपैथी दवाओं को लेकर रामदेव के बयान पर दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने शनिवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है । पुलिस को दी गई शिकायत में डीएमए ने आरोप लगाया है कि 'संकट की इस घड़ी में जब पूरा देश महामारी के खिलाफ लड़ रहा है ।
अपना औऱ अपने परिवार की जान जोखिम में डाल रहा है । जो संसाधन है , उन्हीं के बल पर मुकाबला कर रहा है । तब ऐसे समय में बाबा रामदेव ने अपने निजी हित के लिए मेडिकल साइंस और मेडिकल पेशे का अपमान किया है । ' पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, डीएमए ने दरियागंज थाना में शिकायत दर्ज कराई है । अधिकारी ने बताया कि , 'हमें शिकायत मिली है और जांच की जा रही है ।'
दूसरी ओर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स ) और सफदरगंज अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी रामदेव के बयान की कड़ी निंदा की है और उनके खिलाफ कार्ऱवाई की मांग की है ।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का हवाला देते हुए आईएमए ने कहा कि रामदेव ने दावा किया है कि 'एलोपैथी मूर्खतापूर्ण विज्ञान है और भारत की औषधि महानियंत्रक(डीसीजीआई) द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर और अन्य ऐसी दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही है ।' आईएमए के अनुसार रामदेव ने कहा कि 'एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई ।'
पतंजलि ने आरोपों को खंडन किया
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पतंजलि योगपीठ ने एक बयान जारी करते हुए टिप्पणी का खंडन किया और स्पष्ट किया गया है कि वीडियो एडिट किया गया है और स्वामी जी द्वारा दिए जा रहे संदर्भ से अलग है । वही आचार्य बालकृष्ण द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि 'महामारी काल में रात दिन कठिन परिश्रम कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का रामदेव पूरा सम्मान करते हैं ।
बयान के अनुसार, 'स्वामी जी आधुनिक विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति से इलाज करने वालों के खिलाफ कोई गलत मंशा नहीं है । उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाया जा रहे हैं, वह गलत और निरर्थक है।
आईएमए ने यह भी आरोप लगाया कि रामदेव स्थिति का फायदा उठाने और व्यापक पैमाने पर लोगों के बीच आक्रोश पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वह अपनी गैर कानूनी और गैर मान्यता प्राप्त दवाएं बेच सके और लोगों की जान की कीमत पर पैसा कमा सकें।
वही एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने कहा कि 'हम सभी चिकित्सा बिरादरी, स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर की ओर से उनके खिलाफ जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं ।' उन्होंने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह की झूठी जानकारी फैलाने वाले वीडियो पर लगाम लगाई जाए।
अस्पताल के आरडीए ने एक बयान में कहा कि 'रामदेव के बयान को नफरत फैलाने वाला माना जाना चाहिए । हम संबंधित अधिकारियों से उनके खिलाफ महामारी रोग अधिनियम संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की मांग करते है ।हम रामदेव से मांग करते हैं उनको एलोपैथी की प्रैक्टिस करने वालों से बिना शर्त माफी मांगनी होगी ।