चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा से पहले चीन ने अपने स्टैंड में बदलाव किया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ बैठक में शी ने कहा कि कश्मीर में स्थिति की चीन निगरानी कर रहा है और उसने आशा जताई कि ‘संबद्ध पक्ष’ शांतिपूर्ण वार्ता के जरिये मुद्दे का हल कर सकते हैं।
चीन के इस स्टैंड पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्वीट में लिखा, 'अगर शी जिनपिंग कह रहे हैं कि उनकी नज़र जम्मू-कश्मीर पर है, तो प्रधानमंत्री या विदेश मंत्रालय क्यों नहीं कहता है कि भारत हॉन्ग-कॉन्ग में हो रहे लोकतंत्र को लेकर प्रदर्शन को देख रहा है, शिंजियांग में हो रहे मानवाधिकार के उल्लंघन, तिब्बत की स्थिति और साउथ चाइना पर चीन की दखल पर हिंदुस्तान नज़र बनाए हुए है।'
कांग्रेस की प्रतिक्रिया से पहले भारत ने भी कहा था कि इस मुद्दे पर नई दिल्ली के रुख से बीजिंग ‘अच्छी तरह से अवगत’ है और हमारे आंतरिक मामलों पर अन्य देश टिप्पणी नहीं करे। भारत की यह कड़ी प्रतिक्रिया शी और खान के बीच एक बैठक में कश्मीर पर चर्चा होने के बारे में चीनी सरकारी मीडिया में खबर आने के बाद आई है।
शी का शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक होने का कार्यक्रम है। चीनी राष्ट्रपति ने खान को एक बैठक के दौरान भरोसा दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय हालात में बदलावों के बावजूद चीन और पाकिस्तान के बीच मित्रता अटूट तथा चट्टान की तरह मजबूत है।
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा पांच अगस्त को रद्द करने के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ने के बीच खान ने चीन यात्रा की है। उनके साथ पाक सेना प्रमुख जनरल बाजवा भी मौजूद रहे।