शिमला: भीषण बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से तबाह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से राहत के लिए जारी की गई राशि के बकाया पैसे जल्द जारी करने की मांग की है। इसी के साथ सीएम सुक्खू ने बाढ़ और भूस्खलन में नुकसान उठाने वाले लोगों के लिए राज्य की तरफ से दी जाने वाली मदद की राशि की घोषणा भी की।
शिमला में मीडिया से बात करते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है। हमने केंद्र सरकार से तुरंत अंतिम राहत राशि प्रदान करने का अनुरोध किया है। जिनकी गाय और भैंस इस आपदा में मर गई हैं, उन्हें 55,000 रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है और जिनके भेड़ और बकरियों की मौत हुई है, उन्हें 6,000 रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है। जिनके घर आंशिक रूप से नष्ट हो गए हैं, उन्हें 1 लाख रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है। उन लोगों के लिए मूल्यांकन किया जा रहा है जिनके घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।"
बता दें कि अनुमान के मुताबिक प्राकृतिक आपदाओं से तबाह हिमाचल प्रदेश को अभी तक 5100 करोड़ से अधिक का नुकसान हो गया है। प्रदेश में अभी तक 158 लोगों की विभिन्न कारणों से मौत हो चुकी है। जबकि 606 मकान ध्वस्त होने के साथ 5363 मकानों को नुकसान हुआ है। राज्य में चार नेशनल हाईवे सहित 700 सड़कें बंद हैं। पर्यटन के लिए विख्यात प्रदेश में पर्यटकों का जाना पूरी तरह बंद हो गया है। इससे होटल इंडस्ट्री पर भी तबाह होने का खतरा मंडराने लगा है।
हिमाचल प्रदेश में जून से अब तक बादल फटने की 35 घटनाएं हो चुकी हैं। बादल फटने से नदियों का जलस्तर बढ़ा जिसकी वजह से हिमाचल में जल प्रलय आई। राज्य में ब्यास और पार्वती नदियों ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई और कुल्लू एवं मंडी सबसे प्रभावित जिले रहे।
हालांकि इतनी तबाही के बाद भी अभी हिमाचल को राहत मिलती नहीं दिख रही है। मौसम विभाग ने राज्य में 27 जुलाई तक प्रदेश में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। 29 जुलाई तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ सुरेंद्र पाल ने ये जानकारी दी।