नयी दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने अक्टूबर 2020 में उत्तर प्रदेश के हाथरस जाते समय गिरफ्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत याचिका शुक्रवार को स्वीकार कर ली। कप्पन को अक्टूबर हाथरस में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मौत के बाद वहां जाते वक्त रास्ते में गिरफ्तार कर लिया गया था।
प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित की अगुवाई वाली पीठ ने कप्पन को निर्देश दिया कि वह उत्तर प्रदेश की जेल से रिहा किए जाने के बाद आगामी छह सप्ताह तक दिल्ली में ही रहें। पीठ ने उन पर अपना पासपोर्ट जमा कराने और हर सोमवार को पुलिस थाने में रिपोर्ट करने समेत कुछ शर्तें भी लगाईं।
यूपी सरकार ने इस हफ्ते की शुरुआत में कप्पन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि उसके पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसकी छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) जैसे आतंकी-वित्त पोषण संगठनों से संबंध हैं।
केरल के पत्रकार कप्पन को अक्टूबर 2020 में उत्तर प्रदेश के हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया गया था, जहां कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार के बाद एक दलित युवती की मौत हो गई थी। कप्पन ने इस मामले में जमानत के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने इस महीने की शुरुआत में कप्पन की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।