मुंबईः देशसेवा, समर्पण और नागरिक उत्कृष्टता के गौरवशाली उत्सव के रूप में, परोपकारी एवं समाजसेवी सीमा सिंह द्वारा स्थापित मेघाश्रेय फाउंडेशन ने मुंबई में ‘सर्वोत्तम नागरिक सम्मान 2025’ का भव्य आयोजन किया। यह प्रतिष्ठित वार्षिक सम्मान उन व्यक्तियों को समर्पित है, जिन्होंने समाज और राष्ट्र के हित में महत्वपूर्ण योगदान दिया है — चाहे वे मंच पर हों या परदे के पीछे शांति से परिवर्तन की नींव रखने वाले गुमनाम नायक। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे महाराष्ट्र के राज्यपाल महामहिम सी.पी. राधाकृष्णन, जिन्होंने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में सीमा सिंह के दृष्टिकोण और उनके प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि ऐसे मंच समाज के उन स्तंभों को उजागर करते हैं, जिनके कार्य देश को जमीनी स्तर से सशक्त बनाते हैं। इस गरिमामयी अवसर पर अनेक प्रमुख गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से महाराष्ट्र सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री आशिष शेलार एवं महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति राम शिंदे शामिल थे।
इस वर्ष सम्मानित किए गए विशिष्ट हस्तियों में शामिल हैं:
1. पद्म विभूषण डॉ. अनिल काकोडकर – भारत के अग्रणी परमाणु वैज्ञानिक
2. पद्म भूषण डॉ. विजय भाटकर – भारत के पहले सुपरकंप्यूटर के निर्माता
3. पद्म श्री डॉ. शंकर महादेवन – ख्यातिप्राप्त संगीतकार
4. इम्तियाज़ अली – प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक
5. पद्म भूषण अनुपम खेर – सुप्रसिद्ध अभिनेता एवं प्रेरक वक्ता
6. पद्म श्री विजेंदर सिंह – ओलंपिक पदक विजेता एवं युवाओं के प्रेरणास्त्रोत
‘सर्वोत्तम नागरिक सम्मान’ केवल एक पुरस्कार नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय मंच है जो सेवा, करुणा और निष्ठा से देश के लिए कार्य करने वाले व्यक्तित्वों को वह पहचान दिलाता है जिसके वे सच्चे हकदार हैं। यह उन नायकों को उजागर करता है जिनकी मेहनत अक्सर छिपी रह जाती है, लेकिन जिनका समाज पर गहरा प्रभाव होता है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सीमा सिंह ने कहा:
“यह मंच उन सभी के लिए समर्पित है जो अपने कर्म, कला, विज्ञान या सेवा के माध्यम से देश को नई दिशा देते हैं। अब समय आ गया है कि हम मंच पर आने वालों के साथ-साथ परदे के पीछे काम करने वाले सच्चे नायकों को भी समान सम्मान दें।”
मेघाश्रेय फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह संध्या भावनात्मक श्रद्धांजलियों, सांस्कृतिक गरिमा और प्रेरक सम्मान का एक अद्वितीय संगम रही, जिसने राष्ट्र सेवा की भावना को फिर से उजागर किया — और यह दर्शाया कि एक सशक्त भारत के निर्माण में हर नायक की भूमिका महत्वपूर्ण है।