रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरीसोव ने कहा है कि एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी भारत को 18 से 19 महीनों में मिल जाएगा. इसके लिए भारत ने एडवांस पेमेंट कर दिया है. पिछले साल 5 अक्तूबर को डिफेंस सिस्टम के लिए दिल्ली में भारत -रूस की वार्षिक द्विपक्षीय बैठक में यह डील की गई थी.
इसके लिए भारत ने रूस के साथ 5.43 अरब डॉलर (38 हजार 933 करोड़ रु पए) के समझौते पर दस्तखत किए थे. पिछले महीने विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मिलने मॉस्को पहुंचे थे. उस समय रूस की फेडरल सर्विस की ओर से कहा गया था कि भारत के साथ एस-400 के एडवांस पेमेंट का मुद्दा सुलझा लिया गया है.
रूस की रक्षा सहयोग एजेंसी के डिप्टी डायरेक्टर व्लादिमीर द्रोजझोव ने जुलाई में कहा था कि अगर रूस को 2019 में एडवांस पेमेंट मिल जाती है, तो 2020 तक भारत को पहला मिसाइल डिफेंस सिस्टम सौंप दिया जाएगा.
एक बार में 72 मिसाइल दाग सकता है यह एस-400 मिसाइल सिस्टम, एस-300 का अपडेटेड वर्जन है. यह 400 किलोमीटर के दायरे में आने वाली मिसाइलों और लड़ाकू विमानों को भी खत्म कर देगा. एस-400 डिफेंस सिस्टम मिसाइल शील्ड का काम करेगा, जो पाकिस्तान और चीन की एटमी क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भारत को सुरक्षा देगा.
यह सिस्टम एक बार में 72 मिसाइल दाग सकता है. यह सिस्टम अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी गिरा सकता है. वहीं, 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एकसाथ नष्ट कर सकता है. चीन के बाद इस सिस्टम को खरीदने वाला भारत दूसरा देश है.