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चीन ने गिलगित-बाल्टिस्तान को दान किए खाने के 30 हजार पैकेट, आर्थिक गलियारे के तहत किया है भारी निवेश

By विशाल कुमार | Published: November 17, 2021 11:42 AM

गिलगित-बाल्टिस्तान में ओवरसीज चाइनिज एसोसिएशन के चेयरमैन ने कहा कि पिछले 30 सालों से एसोसिएशन पाकिस्तान और चीन के बीच संबंध को मजबूत करने पर काम कर रहा है। चीनी सरकार ने दो हजार पैकेट मुख्यमंत्री को सौंप दिया है जबकि बाकी भी जल्द ही पहुंच जाएगा।

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ठळक मुद्देगिलगित-बाल्टिस्तान में चीन ने अच्छा खासा निवेश किया है।मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद ने मदद के लिए चीनी सरकार का शुक्रिया अदा किया।

गिलगित:चीन की सरकार ने पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान के गरीबों में बांटने के लिए खाने के 30 हजार पैकेट दान किए हैं. मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद ने इस मदद के लिए चीनी सरकार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि चीनी सरकार हर अच्छे-बुरे दौर में पाकिस्तान का सबसे अच्छा दोस्त साबित हुआ है।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, गिलगित-बाल्टिस्तान में ओवरसीज चाइनिज एसोसिएशन के अधिकारियों ने मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में खाने के ये पैकेट मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद को सौंपे।

एसोसिएशन के चेयरमैन सैयद आगा अब्दुल शकूर ने कहा कि प्रदेश में रह रहे चीनी क्षेत्र के विकास में योगदान दे रहे हैं. पिछले 30 सालों से एसोसिएशन पाकिस्तान और चीन के बीच संबंध को मजबूत करने पर काम कर रहा है। शकूर ने कहा कि चीनी सरकार ने दो हजार पैकेट मुख्यमंत्री को सौंप दिया है जबकि बाकी भी जल्द ही पहुंच जाएगा।

एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल कय्यूम मजीद ने कहा कि उनके संगठन ने गिलगित में चीनी भाषा और सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र शुरू किया है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने महामारी के दौरान चीनी सरकार द्वारा दान किए गए क्षेत्र को 110 ऑक्सीजन सिलेंडर दिए थे।

बता दें कि, प्रांत में चीन ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत अच्छा खासा निवेश किया है और यह एक मात्र इलाका है जो चीन के साथ स्थल सीमा साझा करता है. यही कारण है चीन, गिलगित-बाल्टिस्तान पर विशेष तौर पर ध्यान देता है.

भारत कहता है कि 1947 में भारत संघ में जम्मू और कश्मीर के कानूनी, पूर्ण और अपरिवर्तनीय तौर पर शामिल होने के आधार पर गिलगित-बाल्टिस्तान भारत का एक अभिन्न अंग है।

1947 में अवैध कब्जे के करीब 23 साल बाद गिलगित-बाल्टिस्तान के लिए पाकिस्तान ने अलग प्रशासन बनाया. और 62 साल बाद 2009 में इसे सीमित स्वायत्ता दी गई।

 गिलगित-बाल्टिस्तान में कहने के लिए अलग विधानसभा है, अलग मुख्यमंत्री होता है लेकिन असली पावर इस्लामाबाद में होती है। वहीं, इस साल मार्च में पाकिस्तान ने इस अनंतिम प्रांत बनाने के संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित कर दिया है।

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